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OCTOBER-2014 लिखने हेतु द्रव्यव्यय तथा साधु भगवंतों को लेखनोपयोगी उपकरणों की पूर्ति में अनुपम योगदान की श्रुतनिष्ठा विपुलता से देखी गयी है. आज भी परंपरागत हस्तप्रत लेखन का कार्य नमूने तौर पर कुछेक जगह देखे जाते हैं.
अनुपूर्तिकार-जब एक प्रतिलेखक द्वारा किसी कारण से लिखी हुई प्रत अधूरी रह जाती है, उस लेखनकाल के समीप या कुछ समय बाद किसी अन्य के द्वारा प्रत को पूर्ण किया जाता है, उसे अनुपूर्तिकार कहा जाता है. ऐसी प्रतों में मूल प्रत अपूर्ण लिखे जाने से प्रतिलेखक का नाम नहीं होता तथा जो अनुपूर्ति करता है उसके लिये
भी लिखनेवाला प्रतिलेखक ही माना जाता है. किन्तु अनुपूर्ति रूप प्रत होने से प्रत की विशेषता कोड में अनुपूरित संकेत लगाया जाता है. ___कभी-कभी तो प्रतिलेखक का नाम भी नहीं लिखा मिलता है. ऐसी स्थिति में लिखावट देखकर समझा जाता है. उदाहरण के लिये प्रतसंख्या-७२८३३ पंचमहाव्रत सज्झाय नामक प्रत अपूर्ण है, इसके प्रारंभिक पत्र नहीं है तथा प्रथम महाव्रत सज्झाय अंत में किसी अन्य प्रतिलेखक द्वारा लिखी गई है. इसमें सज्झाय-२ से ४ अज्ञात प्रतिलेखक द्वारा लिखी गयी है तथा प्रथम सज्झाय अनुपूरित पाठ के रूप में प्रतिलेखक चिमनसिंधु (चिमनसागर) द्वारा लिखी गई है.
लिखापितम् (लिखवानेवाला)-हस्तप्रत लिखवाने में जो धन व्यय करता है. प्रतिलेखन पुष्पिका में उस भाग्यशाली शेठ के नाम का उल्लेख करते हुए लिखापितम् ऐसा लिखा जाता है. 'धर्माराधक श्रेष्ठिवरेण स्वद्रव्यव्ययेन लिखापितेयं प्रति' ऐसा लिखा हुआ प्रतों में मिलता है. इस उदाहरण के द्वारा द्रष्टव्य है कि प्रतसंख्या-३५ महानिशीथसूत्र नामक प्रत की पुष्पिका में उल्लिखित विवरण के अनुसार मुंबई अन्तर्गत श्रावक माणेकलाल चुनीलाल ने वि.सं.१९९६ में प्रतिलेखक कस्तूरचंद व्यास के द्वारा प्रत लिखवायी है.
प्रतिसंशोधक-प्रतिलेखक द्वारा लिखे जाने पर प्रत के अन्दर पाठ में रही भूलों को नियत संकेत द्वारा सुधारनेवालों को प्रति संशोधक कहा जाता है. प्रत की छवि बिगड़े भी नहीं तथा पाठ शुद्ध-शुद्ध पढा भी जाय, इस दृष्टि से विभिन्न परंपरागत संकेतों के द्वारा सुधारा जाता है. कोई-कोई प्रत में शुद्धिकरण पश्चात् प्रति संशोधक अपने नाम का भी उल्लेख करता है. आजकल जो प्रफरीडर काम करता है वही कार्य बड़े सलीके से हस्तप्रत का पाठ सुधारनेवाला प्रतिसंशोधक करता है. उदाहरण के लिये द्रष्टव्य है प्रतसंख्या-५८०८० धनदत्त चौपाई नामक प्रत को मुनि तेजसिंघ के
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