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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रुतसागर 21 अक्तूबर २०१४ शीघ्रगतिना सन्ध्यायाम् ॥श्रीवालीग्रामे । जालोरी पडगने ॥ अर्थात् संवत् १९०३ भाद्र (अकृष्ण) शुक्लपक्ष सप्तमी, (आदित्यज) शनिवार को सकलपंडित कविसार्वभौम पं.श्री १०८ श्रीफतेन्द्रसागरगणि के शिष्य मुनि चिमनसागर के द्वारा सन्ध्याकाल में शीघ्रतापूर्वक यह प्रत लिखी गयी. जालोरी पडगने के अन्तर्गत वालीग्राम में. धर्मस्थान पर लिखी गयी प्रत - प्रतसंख्या- ६०३९७ में सतीसरोवणि बाईसुंदरी तिसके उपासरेमद्धे मंडिके लिक्षते. एक ही प्रत के अलग-अलग अध्यायादि के अलग-अलग प्रतिलेखकादिप्रतसंख्या-३५१ श्रीपालराजा का रास में प्रारंभिक तीनखंड मुनिश्री धनरूप एवं चतुर्थ खंड पं. नथमल्ल द्वारा लिखे जाने का उल्लेख मिलता है. पद्यमय प्रतिलेखन पुष्पिका - प्रतसंख्या- ७४३०३ में प्रतिलेखक हेतु नित्यं महाकविवरैरिहशस्यमानः, षट्शास्त्रविज्ञनथमल्लमुनीश्वरोभूत् । तच्छात्रशौडमुनिसत्तम चोथमल्लो वित्तसुकीर्त्तिरमरद्रुमवद्धि लोके ॥ १॥ तत्पादाम्भोरुहद्वन्द्वमधुपो लघुलेखकः । इदं लिखितवान् बाला- रामः सज्जनकिंकरः ॥ २ ॥ प्रतिलेखन पुष्पिका में उपलब्ध विद्वान सूचना में कितने विद्वानों की सूचना उपलब्ध हैं यह बताने के लिये प्रतिलेखन पुष्पिकाओं को निम्न पाँच प्रकार से सूचित किया जाता है. नहीं-प्रतिलेखक या कोई भी विद्वान प्रकार एक भी न हो तो वहाँ नहीं विकल्प मिलेगा. इससे वाचक को यह ज्ञात होगा कि प्रतिलेखनपुष्पिका संबंधी यहाँ एक भी विद्वान का उल्लेख नहीं है. सामान्य- प्रतिलेखन पुष्पिका में १ से ३ तक विद्वान उपलब्ध हो तो सामान्य प्रकार का विकल्प मिलेगा. मध्यम- - प्रतिलेखन पुष्पिका में ४ से ५ तक विद्वान उपलब्ध हो तो मध्यम प्रकार का विकल्प मिलेगा. विस्तृत प्रतिलेखन पुष्पिका में ६ से ७ तक विद्वान उपलब्ध हो तो विस्तृत प्रकार का विकल्प मिलेगा. अतिविस्तृत- प्रतिलेखन पुष्पिका में ८ या इससे भी अधिक अन्य विस्तृत सूचना सहित जानकारियाँ मिलती हों तो अतिविस्तृत प्रकार का विकल्प मिलेगा. प्रतिलेखन पुष्पिका के उपर्युक्त वर्गीकरण से वाचक को यह लाभ मिलेगा कि For Private and Personal Use Only
SR No.525294
Book TitleShrutsagar 2014 10 Volume 01 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanubhai L Shah
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2014
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size6 MB
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