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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हस्तप्रत लेखन परंपरा से सम्बद्ध विद्वान परिचय संजयकुमार झा आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर में तकनीकी मदद से लाइब्रेरी प्रोग्राम अन्तर्गत विविध स्तरों के विद्वानों का परिचय सूक्ष्मातिसूक्ष्म रूप से संग्रह किया जाता है. चाहे जिस प्रकार के विद्वान हो, चाहे उनके जो भी कार्यक्षेत्र हों यदि हस्तप्रत, कृति या प्रकाशन में कहीं भी विद्वान का उल्लेख मिलता है तो यहाँ प्रस्तावित नियमानुसार उस विद्वान का उपयुक्त रूप यथास्थान संयोजन किया जाता है, उनके मिल रहे परिचय को भी विद्वान के नियत फिल्ड में स्थान दिया जाता है. ज्ञानमंदिर में किसी भी कृति की क्वेरी की जाती है, उसके कई विकल्प हैं. उनमें मुख्यतया कृतिनाम आधारित, विद्वाननाम आधारित व आदि - अंतिमवाक्य आधारित उल्लेखनीय है. सूक्ष्मातिसूक्ष्म रूप से कृति ढूंढने के तो ढेर सारे विकल्प हैं. यूं समझें कि जितने फिल्ड्स उतने अलग-अलग ढूंढने के विकल्प हैं. इसी श्रेणी में विद्वान आधारित विकल्प एक प्रामाणिक, सचोट व शीघ्र परिणामदायी विकल्प हैं. जिस प्रकार उपर्युक्त पद्धति से हम कृति ढूँढते हैं उसी प्रकार हस्तप्रत, विद्वान, प्रकाशन आदि विविध क्षेत्रों में भी नियत पद्धति से ढूंढने पर शीघ्रातिशीघ्र अपेक्षित परिणाम पा सकते हैं. आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर की सूचना संग्रहण पद्धति तथा सूचना अन्वेषण पद्धति दोनों ही वाचकों के लिये वरदान रूप हैं. यही कारण है कि सुदूरवर्ती पूजनीय साधु भगवंत, हमारे आदर्श वाचक, शोधछात्र, गवेषक, विदेशी शोधार्थी भी आकृष्ट होकर कोबा की सूचना पद्धति से सतत लाभान्वित होते रहते हैं. मानो कि वाचकों की संतुष्टि ही ज्ञानमंदिर का लक्ष्य व ध्येय हो. पत्र के द्वारा, इमेल के द्वारा, किसी को भेजकर या स्वयं भी आकर, अर्थात् किसी न किसी रूप में अपनी उपस्थिति देते ही हैं. अस्तु! इस अंक में मात्र हस्तप्रत लेखन से सम्बन्धित किसी न किसी रूप में जुड़े विद्वानों के प्राप्त प्रकार तथा उसका परिचय देने का प्रयास किया जा रहा है. सामान्यतया रचना करनेवाला, संशोधन-संपादन करनेवाला अथवा रचना से संबंधित कोई भी रचनात्मक कार्य करनेवाला, विद्वत्तापरक कार्य करनेवाला, रचना प्रेरक, रचना सहयोगी आदि को विद्वान कहा जाता है. लोकरूढ मान्यतानुसार यह बात तो है ही. किन्तु, आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर में सूचना संग्रहण सौकर्य For Private and Personal Use Only
SR No.525294
Book TitleShrutsagar 2014 10 Volume 01 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanubhai L Shah
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2014
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size6 MB
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