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कैलास श्रुतसागर ग्रंथसूची
एक संक्षिप्त परिचय
• ग्रंथ नाम - कैलास श्रुतसागर ग्रंथसूची
: प्रकाशित होनेवाले कुल भाग
• अब तक प्रकाशित कुल भाग
• प्रत्येक भाग के कुल पृष्ठ - ६०८
६२०० से ६८००
: प्रत्येक भाग में प्रकाशित हस्तप्रतों की संख्या : प्रत्येक भाग में प्रकाशित कृति लिंकों की संख्या * प्रत्येक भाग में हस्तप्रत सूचनाओं के कुल पृष्ठ ४०० से ४५० : प्रत्येक भाग में कृति सूचना परिशिष्ट के कुल पृष्ठ १२० से १७० विशेषता अप्रकाशित व अशुद्ध प्रकाशित साहित्य को शुद्ध व बहु उपयोगी बनाने पूर्वक संशोधन - संपादन क्षेत्र में कार्यरत व इतिहास एवं ज्ञान-विज्ञान की अनेक शाखाओं के अभ्यासु तथा वर्तमान की अनेक समस्याओं का हल ढूंढने वाले प. पू. साधु-साध्वीजी भगवंतों एवं विद्वानों के लिए यह ग्रन्थ बहुत ही उपयोगी है.
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३००० से ३५००
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अन्य सूचीपत्रों की तुलना में इस सूचीपत्र में हस्तप्रत, पेटा हस्तप्रत और उनमें पाई जानेवाली कृतियों की ८० से अधिक प्रकार की सूचनाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं.
जिनमें प्रत नाम, प्रतिलेखन वर्ष, प्रतिलेखक, गुरु परंपरा, प्रतिलेखन स्थल, पूर्णता, हस्तप्रत विशेषता, हस्तप्रत लक्षण, दशा, पृष्ठ, लंबाई-चौडाई, पंक्तिअक्षर, पेटांक नाम, पेटांक पृष्ठ, कृति नाम स्वरूप, भाषा, कर्ता, आदिवाक्य, अंतिमवाक्य, परिमाण, रचना वर्ष आदि मुख्य रूप से हैं. इनके अलावा अनेक सूचनाएँ जो केटलॉग में स्थल संकोच के कारण छप नहीं सकती है उन्हें कम्प्यूटर प्रोग्राम में ही खूब ही सुसंकलित रूप से संजोई जाती हैं.
ग्रंथ के अंत में छपे परिशिष्टों में कृति परिवार का परिचय तथा प्रत्येक कृति से जुडी एकाधिक हस्तप्रतों की जानकारियाँ सरलता से प्राप्त हो जाती हैं. ये सारी सूचनाएँ ज्ञानमंदिर में कार्यरत विविध भाषाओं के जानकार पंडितवर्यों द्वारा