SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 77
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 75 श्रुतसागर जुलाई - २०१४ अथ सुकृतानुनोदना। थोड़ी घणी वेला पंच महाव्रत पाल्या हुवै। पांच रामिति, त्रिणि गुप्ति आठ प्रवचन पालवानी खप कीधी हुनै । आहार विहरतां खप कीधी हुवै। सूत्र सिद्धांत विध(धि)सु भण्या-भणाया हुवै । परति पानां सोझ्या हुवै । भगवा भणी परत कोधो हुवै। अरिहंतनो वेयावच्च कीधी हुवै । साधुनौ, ग्लाननौ, तपसीनौ, आवार्यनी उपाध्यायनौ, वाचनाचार्यनौ विनय-वेयावच्च कीधौ हुवै। विधसुं उपधागयोग चुहा हुवे। शत्रुजय, गिरनार, अष्टापदजी, आबूजी, सम्मेतसिखरजी, चंपापुरी, पावापुरी, राजग्रही, जेशलमेर, रांणपुरो, थंभणो, गाडी, फलोधी, अंतरीकजी प्रमुख तीर्थजात्रा कीधी हुवै । चौदस. पांचम, बीज, आठम, इग्यारस, वीसस्थानक, कल्याणकतिथि, प्रमुख तिथि तप कीधो हुवै। दुःखक्षय, कर्मक्षय निमित्त कावसग्ग कीधो हुदै । चारह भावना भावी हुदै। लाख नोकार ]ण्या हुवै। गंठी, मुंठी, नवकारसी, पोरसी, साढपोरसी, पुरमड्ड, आंबिल, उपवास, एकासणो, ब्यासणो, नीवी, दिवराचरम प्रमुख पच्चखाण दासगुंसावा कीधा हुये। चरणसत्तरी करणसत्तरी भली परे पाली हुदै । इणभव परभव ते अणुमोदज्यौ । इसरे करी पहलो राम्यक्त्व सूधो उवरायो' पछै अढारै पापस्थानक वोसराया' पछै चौरासीलाख जी पाजोनि खमाधी ५ रायगविराधना गिच्छामि दुक्कडं दिरावी' पछै दुष्कृत गहाँ करावी पछै सुफतअनुमोदना करावी । वली अराधना करावी तिवार विशेषपणे करावीजै रावर आखडी पच्चखाण विशेष च्यार सरणा कराईजै] गंठी बंधावीजै। सर्वमङ्गलमाङ्गल्यं सर्वकल्याणकारणम् । प्रधानं सर्वधर्माणां जैनं जयतु शासनम् ।।१।। इत्यादि। वाणाष्टरसभौमाब्दी (१६८५) रिणीनगरसंस्थितैः । यत्यन्त्याराधना चक्रे समयादिमसुन्दरैः ।।१।। यद्यत्याराधनां त्वा पुण्यस्योपार्जनं कृतम्। तेन प्रान्तवेलायां ममोदयगुपै। सा ।।२।। ॥ इति यत्याराधनाभापा श्रीसमयसुंदरविरच(चिता तिधिरांपूर्णम् ।। ।। ग्रंशमान ३७१ संख्या ।। ।। सं. १८:९ मिति पोहनदि र सोमवारे लि.पं। दुलीचंद श्रीविगगुरमध्ये चतुर्मासी कृतायाम् ।।श्री:11 For Private and Personal Use Only
SR No.525291
Book TitleShrutsagar 2014 07 Volume 01 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanubhai L Shah
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2014
Total Pages84
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy