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श्रुतसागर
क् + ष् = क्ष
क + 5 = 507
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संयुक्ताक्षर लेखन प्रक्रिया
जैसा कि हमने ऊपर ग्रंथ लिपि की विशेषता वर्णित करते हुए कहा है कि इस लिपि में संयुक्ताक्षर लिखने हेतु ऊपर से नीचे की ओर लिखा जाता था । आर्थात् जिस अक्षर को आधा लिखना हो उसे ऊपर लिखकर दूसरे अक्षर को उसके नीचे या किंचित समानान्तर लिख दिया जाता था । अतः इस प्रक्रिया के तहत इन संयुक्ताक्षरों को निम्नवत् लिखने का विधान है
ख्
त् + र् = त्र
f1f= 5+
च् छ
प् फू
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வ
ह
கு
हलन्त चिन लेखन प्रक्रिया
इस लिपि में शुद्ध हलन्त के लिए (६) चिह्न प्रयुक्त हुआ है ।
विदित हो कि यह बिहन अक्षर के ऊपर लगाया हुआ मिलता है । अर्थात् नागरी लिपि में जिस प्रकार किसी वर्ण के ऊपर रेफ का चिह्न लगाया जाता है, उसी प्रकार ग्रंथ लिपि में यह हलन्त चिह्न लगाया जाता है। उदाहरण स्वरूप यहाँ कुछ वर्षों में हलन्त बिन लगाकर इस प्रक्रिया को निम्नवत् समझा जा सकता है
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जुलाई २०१४
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इसके अलावा 'क् ट् त् न् म्' आदि इन पाँच वर्णों में अपवादस्वरूप हलन्त चिह्न लगाने का विधान उपरोक्त चिह्न से कुछ भिन्न है, जो निम्नवत् है
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