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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अक्तूबर • २०१३ चित्र २३९ वर्ष प्राचीन है। ऐतिहासिक महत्त्व की यह सचित्र पाण्डुलिपि अनुपम है अनूठी है। ___ पोथी में प्रत्येक श्लोक के भाव की रचना चित्र में दी गई है। इसमें ५१ चित्र बने हैं। तीन चित्र प्रारम्भ में बने हैं और ४८ श्लोक के चित्र हैं। ये चित्र राजस्थानी शैली से प्रभावित है। पत्र का परिमाण १२४१४ इंच है। प्रत्येक चित्र में चारों ओर फूल-पत्ती एवं वेल-बुट्टा की आकृति का चित्रण प्राप्त होता है। मध्य में वेदीका के उपर सिंहासन पर श्री आदिनाथ भगवान विराजित हैं। सिंहासन एवं वेदिकाएँ विविध प्रकार की मनोहर चित्रकारी से चित्रित हैं। वेल-बुट्टा एवं फूल-पत्ती के चित्रण में सुवर्ण का उपयोग कीया गया है। चित्र की विशेषता यह है कि चित्रकारने देव-देवी के चित्र को बड़ी सुंदरता प्रदान की है। साथ ही देव-देवी के चित्रण में उनकी वस्त्रविभूषा, अलंकारो पर बड़ी खूबी से अपनी चित्रकला का प्रयोग किया गया है। खास कर अलंकारो में कंगण की एक-एक मोरी, हार के एक-एक मणि, मुकुट की साज-सज्जा, कलगी में मणि और चारों ओर मुक्ताफल इत्यादि के चित्रण में कलाकारने अपनी कला से चित्र को अत्यधिक प्रभावित किया है। प्रस्तुत चित्रों का वर्ण-विधान अतीव सजग एवं सशक्त है। मुख्यतः लाल, पीला, हरा, भूरा, आसमानी, नारंगी, गुलाबी, स्लेटी, सफेद, काला, व बैंगनी रंगों की हल्की तथा गहरी तानों का प्रयोग किया गया है। मानव आकृतियों की चित्रित वर्णिका व्यक्तियों के स्तरानुसार संयोजित की गई है। मानवाकृतियों में हल्के भूरे, सफेद रंग का अधिक मिश्रण कर गोरवर्ण व कुछ स्थानो पर हल्का गुलाबी रंग भी मिश्रित किया हुआ नजर आता है। श्री आदिनाथ भगवान के चित्रण में स्वर्णिम वर्ण का प्रयोग किया गया है। कुछ चित्रों में स्वर्णिम वर्ण में हरा व काला रंग मिलाकर तान में गहरापन लाया गया है। कुछ जगहों पर चटक पीले रंग का प्रयोग भी किया गया है। आकाश में सफेद रंग के घुमावदार बादल चित्रित किये गये हैं। तो कहीं लहरदार रेखाओं के समुह का चित्रण भी चित्र को निखार दे रहा है। रात्रि के चित्रण में काले रंग का मिश्रण कर गगन में चाँद-तारों का अंकन किया गया है। इस पोथी के सभी चित्रों के चारों ओर लाल रंग की मोटी पट्टी (किनारी) बनाई गई है। उसके पश्चात् काले रंग की महीन दुहरी रेखाएं खींची हुई हैं। For Private and Personal Use Only
SR No.525283
Book TitleShrutsagar Ank 2013 10 033
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMukeshbhai N Shah and Others
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2013
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size2 MB
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