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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ५२ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जणु (ण) णी कहि वधिए भलीजी, आवउ हवि मुझ साथि, सीख लही रमणी तणीजी, जई लीयइ दीख गुरुहाथि. ६९ मार्च २०१३ सिद्धगिरि चडि अणसण लीयुं रे, ऊच्चरी महाव्रतभार, पाप आलोयां लागां जिस्यांजी, खामीय जीव सवि-सार ७० मात सुणउ अरणक... सिला तल पुंजी ओघि करी, सयन करिउ ग्रीषमकालि मांखण परि वीथरिउ तिस्यइंजी, भमरभोगी सूकमाल. ७१ मात सुणउ अरणक... ध्यानबलि काल करी अवतरिउजी, सोहमसूर खिणमांहि, भोगवि पुण्यफल प्रगडांजी, अरणक साध उच्छांहि. ७२ - For Private and Personal Use Only मात सुणउ अरणक... ||ढाल-८|| || राग-धन्यासी ।। धन-धन अरणक मुनिवर जाणीयइं, साचउ साहसधीरोजी, ऊन्ह परीसह दुक्कर ऊद्धिरिउ, कर्मखपावा वीरोजी. ७३ मात सुणउ अरणक... धन-धन अरणक... भद्रा साहुणि अणसण आराधी, पुहती स्वर्गविमानिजी, तारिउ निज - सूतनि प्रतिबोध दे, सुखी कीधउ सुनिंदानइंजी. ७४ धन-धन अरणक... एणि परि संयम गुणि चित लाईयां, पालीजि (जी) सुभ सीलोजी, परीसह सहीइं थिर मनि सर्वदा, जिम पामी जई लीलोजी. ७५ धन-धन अरणक.. श्रीअंचलगच्छि कमलदे (दि) वाकरूं, जंगम जूगपरधांनोजी, श्रीकल्याणसागरसूरीश्वर चिर जयु, दिनि-दिनि अधिकि वानोजी. ७६ धन-धन अरणक. "...
SR No.525276
Book TitleShrutsagar Ank 2013 03 026
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMukeshbhai N Shah and Others
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2013
Total Pages84
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
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