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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रुतसागर - २६ १९ आवश्यकनी चूर्णि अने टीकाओना आधारे रासमां मळता कथा अंशोनी तुलना * आवश्यकनी मलयगिरि महाराजनी टीका, आवश्यकनी जिनदासीया चूर्णि अनुसार उग्रसेनना पौत्र धनदत्त साथे कमलामेलानी सगाई थई हती. ज्यारे आवश्यकनी हारिभद्रीय टीकामां, अने रासमां उग्रसेनना पुत्र नभसेन साथै कमलामेलानी सगाई थयानो उल्लेख मळे छे. * आवश्यकनी चूर्णि, अने हारिभद्रीय / मलयगिरि टीकामां नभसेनने त्यां नारदनो प्रवेश, नभसेन वडे अनायासे नारदनो अनादर थवो, नभसेनने शिक्षा आपवानो नारदनो निर्धार, नभसेनने दंडना आशयथी, कमलामेलाने नभसेनथी दूर करवानो विचार ईत्यादि वातनो उल्लेख नथी. * आवश्यकनी हारिभद्रीयमां सागरचंद्र नारदने पोतानो मेळाप कमलामेला साथे क्यारे थशे, ए प्रश्नना उत्तरमां नारद हुं जाणतो नथी एवो जवाब आपे छे. ज्यारे रासमां नारद सागरचंद्रने योग्य समये कोई युक्ति लगाडी तारो मेळाप कराववा प्रयत्न करीश एम आश्वासन सभर वातनो निर्देश मळे छे. * कविए रासमां नारद सागरचंद्रने त्यांथी नीकळ्या पछीनी सागरचंद्रनी भावावस्थानो उल्लेख कर्यो नथी. ज्यारे आवश्यकनी हारिभद्रीय टीकामां नारद पासेथी कमलामेला संबंधी वात सांभळी, सागरचंद्र पाटीया उपर कमलामेलानुं नाम लखे छे, कमलामेलाना नामनी माळा गणे छे. ईत्यादि नोंध मळे छे. * आवश्यकनी चूर्णिमां नारद पहेला कमलामेलाने मळे छे. ज्यारे हारिभद्रीय / मलयगिरि टीका अने रासमां नारद पहेला सागरचंद्रने मळे छे. * आवश्यक हारिभद्रीय / मलयगिरि टीकामां कुमारो शांबने मदिरा पीवडावी कमलामेला साथे भेटो करावी आपवानी प्रतिज्ञा करावे छे. ज्यारे रासमां शांब पोते ज हुं कमलामेला नहीं कमलामेल छु, अर्थात् कमलामेलानी साथे मेळाप करावी आपनार तारो आत्मीय छु, एम कही शांब वचनमां बंधाय छे. * आवश्यक हारिभद्रीय / मलयगिरि टीकामां कमलामेलाना अपहरण माटे शांब प्रद्युम्न पासे प्रज्ञप्ति विद्या मांगे छे तेमज कमलामेलाना अपहरण प्रसंगमां शांबनी साथे प्रद्युम्न अने नारदनो उल्लेख मळे छे. ज्यारे रासमां शांब अने प्रद्युम्न द्वारा कमलामेलानुं अपहरण थाय छे, रासमां प्रद्युम्न पासे प्रज्ञप्तिविद्यानी मांगणी, अने नारदनो उल्लेख जणातो नथी. * आवश्यकनी हारिभद्रीय / मलयगिरि टीकामां नारद मोहित थयेली कमलामेलाने त्यांथी नीकळी सागरचंद्रने त्या आवी, कमलामेला तने ईच्छे छे, एवं सागरचंद्रने For Private and Personal Use Only
SR No.525276
Book TitleShrutsagar Ank 2013 03 026
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMukeshbhai N Shah and Others
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2013
Total Pages84
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
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