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वि.सं.२०६८-द्वि. भाद्रपद श्री अरुणोदयसागरसूरीश्वरजी महाराज साहब, पंन्यास श्री विवेकसागरजी महाराज साहब, गणिवर्य श्री प्रशांतसागरजी महाराज साहब आदि ठाणा सम्मिलित थे.
शोभायात्रा उपाश्रय पहुँचकर धर्मसभा में परिवर्तित हो गयी जहाँ ४५ आगम ग्रन्थ पूज्यश्री को अर्पित किया गया. ११०० साल पुराना चंद्रप्रज्ञप्ति नामक ३६ इंच लंबा अलभ्य, अद्भुत ताडपत्रीय ग्रंथ भी चेन्नई के श्री किरणभाई (हस्ते - श्री कल्पेशभाई साबरमती) द्वारा पूज्यश्री को अर्पित किया गया जो अति प्राचीन हस्तप्रत ग्रंथ है. संगीतकार श्री किरीटभाई ठक्कर ने प्रभु वन्दना एवं गुरु वन्दना के सुन्दर भजन प्रस्तुत कर श्रद्धालुओं को गुरुभक्ति के रस में डुबोया.
श्री के शिष्य ज्योतिर्विद आचार्य श्री अरुणोदयसागरसरीश्वरजी महाराज साहब ने पज्यश्री के गणों की चर्चा करते हुए कहा कि पूज्यश्री का पुण्य बहुत प्रबल है. इनकी निश्रा में अनेक आत्माओं का कल्याण हुआ है और हो रहा है. उन्होंने पूज्यश्री के दीर्घायु होने की कामना की.
इस अवसर पर पूज्यश्री ने अपने मंगल आशीर्वचन में अपने दादागुरु आचार्य श्री कैलाससागरसूरीश्वरजी महाराज साहब को स्मरण करते हुए कहा कि मुझ पर पूज्यगुरुदेव ने बहुत उपकार किया कि मुझे संयमी बनाया, आज मैं जो भी हूँ, यह सब उनके आशीर्वाद का ही प्रतिफल है.
दोपहर २.०० बजे से त्रीदिवसीय ४५ आगम पूजा का प्रारम्भ हुआ. विजापुर निवासी मातुश्री पोपटबेन अम्रतलाल पाडेचिया परिवार ने पूजन का लाभ लिया. तीनों दिन पूर्ण धार्मिक वातावरण में पूजा-अर्चना का लाभ तीर्थ पर आने वाले श्रद्धालुओं ने लिया.
गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद् कैलाससागरसूरीश्वरजी महाराज
साहब के चित्र का अनावरण किया गया परम पूज्य गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद् कैलाससागरसूरीश्वरजी महाराज साहब का विशाल एवं भव्य चित्र गुरुमन्दिर में रखा गया है। जिसका अनावरण पूज्य आचार्य श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराज साहब की निश्रा में दिनांक २९ सितम्बर, १२ को शेठ श्री दिनेशभाई रांका परिवार, बेंगलुर ने किया। इस मंगलमय अवसर पर राष्ट्रसन्त परम पूज्य आचार्य श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराज के शिष्य-प्रशिष्य गुरुमन्दिर में उपस्थित थे। पूज्य गच्छाधिपति का बहुत ही सुन्दर एवं जीवन्त चित्र प्रसिद्ध चित्रकार जयपुर के श्री तेजकुमार शर्मा ने बनाया है। चित्र के चारों ओर स्वर्ण से पट्टी बनाई गई है।
ज्ञातव्य है कि इसी चित्रकार ने गुरुमन्दिर एवं महावीरालय में नक्काशी का बहुत ही सुन्दर कार्य किया है। उन्होंने पूज्य राष्ट्रसन्त आचार्यश्री को पूज्य गच्छाधिपति का चित्र समर्पित किया। पूज्य राष्ट्रसन्त अपने दादा गुरुदेव के चित्र को देखकर बहुत प्रसन्न हुए। चित्रकार श्री शर्मा का बहुमान कोबातीर्थ ट्रस्ट की ओर से किया गया।
नूतन भवन का भव्य उद्घाटन परम पूज्य राष्ट्रसन्त आचार्यदेव श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराज साहब के ७८वें जन्मवर्धापन महोत्सव के शुभ अवसर पर श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र, कोबा के बाफना पार्क में शेठश्री दिनेशभाई रांका, बेंगलुर निवासी के सहयोग से नवनिर्मित भवन का उद्घाटन दिनांक २९ सितम्बर २०१२ शनिवार को किया
म पूज्य राष्ट्रसन्त आचार्य श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराज साहब की निश्रा में आयोजित उद्घाटन समारोह में पूज्यश्री के शिष्य-प्रशिष्य एवं भक्तगण काफी संख्या में उपस्थित थे।
इस मंगलमय अवसर पर शेठश्री दिनेशभाई रांका पूरे परिवार के साथ उपस्थित थे। श्री दिनेशभाई रांका में नवनिर्मित रांका भवन का उद्घाटन नामपट को अनावृत कर किया। पूज्य आचार्यश्री ने मांगलिक सुनाकर उपस्थित श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। । इसके पूर्व श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र से विशाल जनसमूह पूज्यश्री के साथ बाफनापार्क तक गया जहाँ पूज्यश्री की निश्रा में रांका भवन का भव्य उद्घाटन किया गया।
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