________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
वि.सं. २०६८ - ज्येष्ठ
www.kobatirth.org
रुप अनुपमैं तुं हिं विराजे साहरा गुण कहीऐ ते छाजे तुं गजगमणी चंदावयणी पंकज नयणी कवि मन हरणी चंपक बरणी चतुर विचख्यण तुज तनसे हैं सयल सुलक्षण कंचण कछप चरयण बिराजै यावक रंग्यारंग्या राजै हीरा ज्यु योपे नवपलव तूं परि घूघरि सुभ रणरणव रंभा थंभ कदंब सुजंघा करि मेखल खलकै बहुं भंगा त्रिवली तीन नदीनो संगम जांगै पायो तीरथ जंगम कनक कलस समान पयोधर कांनै कुंडल दीपै शशिधर कर कंकण सोनाना वलीया आंगुलि ओप ज्युं मगफलीया वेणी बासिग तेजैं वसीयो राखडली मणि मध्ये हसीयो मुगताफलमाला गलि सोहं तेजें त्रिभुवन जम मन मोहे नकबे सरनी कीनी तु नांके सोहे मोहे मनमथा ताकै सिंहबाहनी सदा सुहाये सुरनर रंगें तुझ गुण गावै ध्यारभुजा सोहे चतुरंगी पासांकुरावर पहरण पंगी अमृत नयणी अमृत वयणी अमृत सम शीतल सुख देयणी ऋद्धि वृद्धि वर बुद्धि सुरंगी लक्ष्मी लीला दोलत चंगी विनय विवेक विचार सुलक्षण तुज तु वर भोजन भक्षण नांम जांप जपता जगदंबा लहीए सुख अभंग पलंगा नाम अनेक अछे तुझ माई जपुं जाप सतगुरु मुख पाई १४ छंद गीता इंद्री मांहेश्वरीन ब्रहमांणी भगवति भारथि माय चंडी चामुंडाने चकेश्वरी चक्रका सुभ काय एकानुं अनेका अति सरुपा बहू रुपा तुझ माय पदमनि पदमावति पदमवासनी अप्रतिचक्र काय सावत्री सरस्वतीनें सिद्धाइ माई महिमावंत सुमुखीने समुखा मतिमा मेधा हंसागमनी संत सातस्वीन राजेस्वीने तामस्वी बलदा भाषा बाई मेधासवि मांनस्वनै मातंगी महामांनसी आई गायत्री गंगाने गंधारी गौरी कालीकाय माहाज्याला
बाला सदा सुकाला सुमुखा सुमुखी माय बहुदा बलदाई संता मनोरथ माई महिमावंत भवांनीने भगवत वत्सल
मन धरि ध्याउं मनखंति ताराने त्रिपुरा तीतल तरुणी तुलजा तुर्हि भवांनी संता
सुखदाइ तुं महिमाई तुं प्रगटा तुं छांनी
आदि ईश्वर केसर कमला अमला
आ जांणी असुरासुर किंनरवर बी (वि) द्याधर
नर देवेंद्र बखांणी बीसहथी मुझ बीनति मानौं रांनो मोरी वात
तुं इष्ट अनोपम सदा सहोपम तुंही पी (पिता तुं मात
For Private and Personal Use Only
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
ery
१३