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पंन्यास प्रवरश्री अमृतसागरजी आचार्यपद प्रदान
महोत्सव विशेषांक
२.प. पू. आचार्य भगवंत श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी म. सा. एवं संस्था के अन्य मुनि भगवंतो द्वारा तैयार किये गए विविध मैटरों की एन्ट्री एवं उसे सुधार करके उसे प्रेस में छापा जा सके, उस स्तर के कार्य अर्थात् बटर प्रिन्टींग तक के कार्य यहाँ सम्पन्न होते हैं.
३.प. पू. मुनिराजश्री निर्वाणसागरजी म. सा. द्वारा तैयार किये गये रोमन लिप्यन्तरण सहित सार्थ पंचप्रतिक्रमण सूत्र पुस्तक का चार से पाँच अलग-अलग आकार एवं प्रकारों के बटर प्रिन्टिंग तक के कार्य किये गये है.
४.प.पू. मुनिराजश्री महेन्द्रसागरजी म. सा.,प्रशांतसागरजी म. सा. एवं पद्मरत्नसागरजी आदि द्वारा प्रकाशित किये जाने वाले प्रकाशनों के बटर प्रीन्टींग तक का कार्य भी यहाँ पर किया गया है.
५. प. पू. मुनिराजश्री जंबूविजयजी म. सा. द्वारा जेसलमेर, पाटण, लींबडी, भांडारकर ओरिएण्ट रिसर्च इन्स्टीट्युट, पुणे आदि भंडारों में स्थित हस्तप्रतों आदि की झेरोक्ष एवं माइक्रोफिल्म का कार्य करवाया गया, उन सभी डेटा की एन्ट्री एवं केटलॉग तैयार करने का कार्य भी यहाँ पर किया गया है...
६.प.पू. मुनिराजश्री यशोविजयजी म. सा. के द्वारा तैयार किये गयेद्वात्रिंशिका ग्रंथ के परिशिष्टों का एवं भाषारहस्य ग्रंथ के बटर प्रिन्टिंग तक का कार्य भी यहाँ पर तैयार किया गया है. इस हेतु विशिष्ट प्रोग्राम बनाया गया, जिसके आधार से ग्रन्थ में प्रयुक्त विशिष्ट शब्दों का खास आकारादिक्रम बड़े ही कम समय में सम्भव हो सका.
७.विश्वकल्याण प्रकाशन ट्रस्ट द्वारा उनके सभी प्रकाशनों के मुद्रण व विक्रय का कार्य श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र, कोबा को सौंपा गया है. उस प्रोजेक्ट के तहत लगभग ६० प्रकाशनों की एन्ट्री एवं डबल एन्ट्री का कार्य भी पूर्ण किया जा चुका है.
८. प. पू. मुनिराजश्री जंबुविजयजी म. सा. के लिए भगवतीसूत्र आदि ग्रंथों की डबल एन्ट्री, पू. आचार्य भगवंत श्री प्रद्युम्नसूरीश्वरजी म.सा. के लिए उपदेशमाला ग्रंथ, पू. मुनिराज श्री सुव्रतसेनविजयजी म.सा. के लिए भी स्तवन संग्रह, प. पू. मुनिराजश्री अक्षयचंद्रसागरजी म. सा. के लिए नंदीसूत्र ग्रंथ, प. पू. मुनिराजश्री वैराग्यरतिविजयजी म. सा. के लिए अष्टसहस्री तात्पर्य विवरण में शब्द आकारादि परिशिष्ट, पू. साध्वी श्री सौम्यगुणाश्रीजी म.सा. के लिए विधिमार्ग प्रपा ग्रंथ का संपूर्ण कार्य यहाँ पर किया गया है तथा प. पू. मुनिराज श्री हंसविजयजी म. सा. के लिए सिद्धान्तलक्षण ग्रंथ का बटर प्रीन्टींग तक का कार्य भी यहाँ पर सम्पन्न हुआ है.
९. इसके अतिरिक्त प.पू. साधु, साध्वीजी भगवंतों एवं विद्वानों के द्वारा चयनित स्तोत्र, स्तवन आदि तथा दैनिक स्वाध्याय में उपयोगी हो सके, ऐसे सूत्रों को टाईप करके बुकलेट के स्वरूप में उपलब्ध कराया जाता है.
१०. अमेरीका स्थित ख्वरऋसंस्था हेतु डेटा एन्ट्री के कार्य हेतु भी यहाँ नियमित रूप से सहयोग किया जा रहा है, अन्य विशिष्ट कार्य
जैन साहित्य व साहित्यकार कोश परियोजना : इस परियोजना के अंतर्गत काल दोष से लुप्त हो रहे जैन साहित्य के मुद्रित एवं हस्तलिखित ग्रंथों में अन्तर्निहित विविध सूचनाओं का डाटा-बेस खड़ा किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत किसी
સોળ ઉદ્ગમ દોષ, સોળ ઉત્પાદન દોષ અને યાર અભિગહoll 13પોના વિરુપક આdi છીણ ગુણોથી યુક્ત
આચાર્યોને વંદન
હા મોજા શ્રી મુકેશભાઈન. શાહ શ્રીમતી ઘરાનેo[ a[. શાહ, મુંબઈ થી વિનીતભાઈબ. શાહ શ્રીમતી પૂર્ણાબેન વિ. શાહ, a[બઈ