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पंन्यास प्रवरश्री अमृतसागरजी आचार्यपद प्रदान
महोत्सव विशेषांक
संरक्षणशील श्रमण परम्परा के असंख्य मनीषियों की साधना का निचोड़ है, जो किसी भी देश काल के जीव की गतिविधि के हर पहलू को स्पर्श करता है. इस ज्ञान परम्परा को सशक्त करने, आत्मार्थियों को इसकी योग्य उपलब्धि के द्वारा सम्यक उपयोग हो सके इसके लिए इस अनुभाग में विविध विशिष्ट परियोजनाएँ गतिशील की जा रही हैं. पिछले पन्द्रह वर्षों में इस विभाग में निम्नलिखित कार्य सम्पन्न किए गए. लायब्रेरी प्रोग्राम से सम्बन्धित कार्य
ज्ञानमंदिर में उपलब्ध हस्तलिखित प्रतें, ताडपत्र, गुटका, मुद्रित पुस्तकें व मुद्रित प्रतों के विस्तृत विवरण कम्प्यूटर में संग्रहीत की जा सकें. इस हेतु को लक्ष्य में रखकर आधुनिक तकनीकों से युक्त एक विशाल प्रोग्राम तैयार किया गया.
संस्था द्वारा सम्पादित हस्तप्रतों की सूची, जो ५० से अधिक भागों में प्रकाशित होने वाली है, उनमें से पाँच भागों के बटर प्रिन्टिंग तक का कार्य यहीं सम्पन्न हुआ, ये सभी भाग लोक समक्ष प्रस्तुत हो चुके हैं, आगे के कार्य जारी हैं.
ज्ञानमंदिर में आ रही पत्र-पत्रिकाओं के विवरणों को व्यवस्थित रूप से संग्रहीत करने के लिए भी संस्था द्वारा एक प्रोग्राम विकसित किया गया है.
सम्राट सम्प्रति संग्रहालय के अंतर्गत प्रदर्शित प्राचीन वस्तुओं आदि का रजिस्ट्रेशन एवं देखरेख किया जा सके, इस हेतु से संग्रहालय के लिए भी प्रोग्राम तैयार किया गया है. वाचक सेवा
१.ज्ञानमंदिर में पधारनेवाले प्रत्येक गच्छ, समुदाय तथा संघ के प. पू. साधु, साध्वीजी भगवंत तथा अन्य विशिष्ट विद्वानों को उनकी योग्यता के अनुसार अपेक्षित माहितीयाँ कुछ ही पलों में उपलब्ध करायी जाती है. इसमें किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं रखा जाता है.
२. भारत भर से ही नहीं, बल्कि विदेशों में स्थित विद्वानों के द्वारा इन्टरनेट द्वारा पूछे गए उनके प्रश्नों का उत्तर ईमेल द्वारा दिये जाते है, यदि उन्हें किसी ग्रन्थ के झेरोक्ष या स्केनिंग की आवश्यकता हो तो कुरियर अथवा पार्सल द्वारा भेजने का कार्य भी किया जाता है.
३. लायब्रेरी मेन्टेनेन्स प्रोग्राम में विद्वानों के द्वारा दिये गये अभिप्रायों को ध्यान में रखते हुए आवश्यक सुविधाएँ दी जाती है. जिससे विद्वानों को उनकी इच्छित माहिती क्षणभर में दी जी सकती है. डी. टी. पी. व पुस्तक प्रकाशन से सम्बन्धित कार्य
१.डी.टी.पी. जॉब वर्क दौरान प्रफ रिडींग की आवश्यकता नहिवत रहे, ऐसा टेक्स्ट तैयार करने के लिए संस्था द्वारा ही 'डबल एन्ट्री प्रोग्राम तैयार किया गया है. जिसके तहत एक ही टेक्स्ट को दो बार दो अलग-अलग ऑपरेटरों द्वारा एन्ट्री करवाने से कम्प्यूटर खुद ही एक-एक अक्षर को टेली करके संभवित संभवित अशुद्ध पाठों के प्रति ध्यान आकृष्ट करता है. जिससे टेक्स्ट को शुद्ध किया जा सके.
પંદર યોગ, પંદર રાંડલા, ગણ ગાતા ચલો ગણI શલ્યની સીતા માતા છગીણ ગુણોથી યુકત
સ્ત્રીમિથાજોની €ળી
થી હર્ષવદનભાઈo1. શાહ શ્રીમતી રાતોના હ. શાહ, મુંબઈ થી અis[Sભાઈol. Plહ શ્રીમતી પૂણામાળો | સા. શાહ, મુંબઈ થી વાવયભાઈo. શાહ શ્રીમતી ભારતીબેન C. Piાહ, મુંબઈ