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________________ पन्यास प्रवरश्री अमृतसागरजी अाचार्यपद प्रदान महोत्सव विशेषांक व्यवस्था है. भोजनालय व अल्पाहार गृह में आगन्तुक भोजन एवं अल्पाहार प्राप्त कर सकते हैं. इस तीर्थ पर आनेवाले तीर्थयात्रियों की बढती हुई संख्या को दृष्टिगत करते हुए उनकी सुविधा हेतु एक बड़े भोजनशाला का निर्माण भी किया गया है, जिसमें कम से कम ५०० व्यक्ति एक साथ बैठकर भोजन कर सकते हैं. यात्रिक धर्मशाला : कोबातीर्थ में यात्रार्थ पधारने वाले तीर्थयात्रियों, दर्शनार्थियों तथा श्रावकों को समुचित आवासीय व्यवस्था उपलब्ध हो सके इसलिए दो नवीन धर्मशालाओं का निर्माण किया गया है. आधुनिक सुविधाओं से सुसज्ज ३८१८ कमरों वाले इन - नूतन धर्मशालाओं के १८१८ कमरे वातानुकूलित हैं. तीर्थ में आनेवाले तीर्थयात्री, श्रद्धालु, भक्तजन नवनिर्मित धर्मशाला में स्थिर होकर दर्शन-वंदन, साधना-आराधना का लाभ प्राप्त कर सुखानुभूति का अनुभव करेंगे. श्रुत सरिता : महातीर्थ कोबा में आने वाले तीर्थयात्रियों, दर्शनार्थियों एवं ज्ञान-पिपासुओं को उचित मूल्य पर उत्कृष्ट जैन साहित्य व आराधना की आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने हेतु मुख्यद्वार पर एक पुस्तक विक्रय केन्द्र की स्थापना की गई है. यहाँ से तीर्थयात्री अपनी साधना-आराधना में सहायक पुस्तकें एवं उपयोगी सामग्री का क्रय कर सकते हैं. यहाँ आगन्तुकों के सुविधार्थ एस.टी.डी. टेलीफोन बूथ भी संचालित है, विश्व मैत्री धाम बोरीज, गांधीनगर : योगनिष्ठ आचार्य श्रीमद् बुद्धिसागरसूरिजी महाराज की साधनास्थली गुजरात की राझधानी गांधीनगर गत बोरीजतीर्थ का पुनरुद्धार परम पूज्य आचार्यदेव श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी की प्रेरणा एवं शुभाशीर्वाद से श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र की भगिनी संस्था विश्व मैत्री धाम के तत्त्वावधान में नवनिर्मित १०८ फीट उँचे विशालतम जिनालय में ८१.२५ ईंच के पंच धातुमय पद्मासनस्थ श्री वर्द्धमान स्वामी प्रभु प्रतिष्ठित किये गये हैं. ज्ञातव्य हो कि पुराने मन्दिर में इसी स्थान पर जमीन में से निकली भगवान महावीरस्वामी आदि प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा योगनिष्ठ आचार्य श्रीमद् बुद्धिसागरसूरीश्वरजी महाराज द्वारा हुई थी. नवीन मन्दिर स्थापत्य एवं शिल्प दोनों ही दृष्टि से दर्शनीय है. यहाँ पर भविष्य में एक कसौटी पत्थर की देवकुलिका के भी पुन:स्थापन की योजना है जो पश्चिम बंगाल के जगत शेठ फतेहसिंह स्वसमय-परसमय में निपुण, ओज और तेज पूर्ण तथा वाणी व यश में अपराजेय आचार्यों को भावभरी वंदना. सौजन्य कुलीनकुमार टुर ट्रावेल्स रीसोर्ट प्रा. लि., मुंबई 34
SR No.525262
Book TitleShrutsagar Ank 2007 03 012
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManoj Jain
PublisherShree Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2007
Total Pages175
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size32 MB
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