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________________ पंन्यास प्रवरश्री अमृतसागरजी भाचार्यपद प्रदान महोत्सव विशेषांक * प.पू. आचार्य श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी म.सा. संयम स्वीकार भूमि * प.पू. पंन्यासप्रवर श्री अमृतसागरजी म.सा. अवतरण (जन्म) भूमि • प.पू. मुनिराज श्री नयपद्मसागरजी म.सा. बाल क्रीडा व दीक्षा भूमि * अनेक आत्माओं की संयम भावना पल्लवित करने वाली भूमि * पूज्यों के उपकारों से सदा सर्व को मोक्ष साधना में सहायक भूमि संयमी की भावयात्रा जन्म २००८ वैशाख वदी १३, २२ मई १९५२, साणंद (चांदा महेतानो टेकरो) दीक्षा २०२५ मागसर सुदी ४, २३ नवम्बर १९६८, अहमदाबाद (विश्वनंदीकर जैन संघ) बड़ी दीक्षा २०२५ महा सुदी ११, २९ जनवरी १९६९, माणसा (मुख्य मंदिर के प्रांगण में) गुरु पद २०४० महा सुदी ६, ०८ फरवरी १९८४, साणंद (सागरनो उपाश्रय) गणिपद २०४९ महा सुदी ५, २८ फरवरी १९९३ अहमदाबाद (साबरमती) पंन्यास पद २०५२ महा सुदी ५ २४ जनवरी १९९६ सम्मेतशिखरजी (भोमियाजी भवन) जिनेश्वर रूपी सूर्य तथा सामान्य केवली रूप चन्द्र के भी अस्त होने पर जो प्रदीप के समान पदार्थ स्वरूप को प्रकट करते हैं, उन आचार्यों को मैं नमस्कार करता हूँ. महेन्द्र ब्रधर्स मुंबई 26
SR No.525262
Book TitleShrutsagar Ank 2007 03 012
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManoj Jain
PublisherShree Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2007
Total Pages175
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size32 MB
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