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पंन्यास प्रवरश्री अमृतत्तागरजी अाचार्यपद प्रदान
महोत्सव विशेषांक
पूज्यश्री की अमृतमय यात्रा
दीक्षा दाता : आचार्यदेव श्रीमत् कीर्तिसागरसूरीश्वरजी दीक्षा गुरू : (आचार्य) मुनिराज श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी दीक्षित नाम : मुनिराज श्री अमृतसागरजी शिष्य : मुनिराज श्री नयपद्मसागरजी (संसारी भतीजे) प्रशिष्य : मुनि श्री ध्यानपद्मसागरजी, मुनि श्री अक्षयपद्मसागरजी वर्तमान उम्र : ५५ वर्ष वर्तमान संयम पर्याय : ३८ वर्ष
पदयात्रा : प्रायः सम्पूर्ण भारत व नेपाल सहित ७०,००० कि.मी. संस्कार दाता उपकारी परिवार
सागर समुदाय के प्रति विशेष समर्पित, आचार्य श्रीमत् कैलाससागरसूरीश्वरजी के आशीर्वाद से सिंचित साधु-साध्वीजी भगवंतों के पिता तुल्य विनम्र स्वभावी पिताश्री महेता दलसुखभाई गोविंदभाई संस्कार दात्री मातृश्री शांताबेन आचार्य भगवंत के आशीर्वाद सह स्थापित नाम : सबसे लाडले सबसे छोटे अवन्ती कुमार सहकारी बन्धु वर्ग स्व. भरतभाई, कुमुदभाई, महेशभाई, शरदभाई, शैलेशभाई, जयन्तभाई
वात्सल्यदात्री बहनें स्व. प्रभावतीबेन, भारतीबेन, ज्योत्सनाबेन साणंद का सागर से सागर का साणंद से ऋणानुबन्ध
साणंद (आनंदमय साणंद) धर्मभूमि, संस्कार भूमि, तीर्थ भूमि विद्वान आचार्य भगवंतों की चरण रज से पवित्रता को प्राप्त पावन भूमि * प.पू. मुनिराज श्री रविसागरजी म.सा. विचरण (कर्म) भूमि * प.पू. आचार्य श्री बुद्धिसागरसूरीश्वरजी म.सा. योग साधना भूमि * प.पू. आचार्य श्री कैलाससागरसूरीश्वरजी म.सा. ज्ञानाभ्यास भूमि
छः प्रकार की विकथा के त्यागी, षड्द्रव्यों के ज्ञाता, षट्स्थान विशुद्ध प्रत्याख्यान के उपदेशक तथा पड़ जीवनिकाय के प्रति दयावान
आचार्यो को भावभरी वंदना.
सौजन्य विमलाचल प्रिण्ट एण्ड पेक्स प्रा. लि., वी. आर, शाह स्मृति शिक्षण मंदिर, अहमदाबाद
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