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शताब्दी में जैन धर्म की उपयोगिता तथा प्रचार-प्रसार हेतु उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हो. इस अवसर पर ज्ञानमन्दिर के सहनिदेशक डॉ. बालाजी गणोरकर ने प्रशान्तमूर्ति श्रुतभक्त प.पू. मुनिराज श्री अजयसागरजी म.सा. की निश्रा में आचार्य श्री कैलाससागरसरि ज्ञानमन्दिर का परिचय देते हुए ग्रंथालय सचना विज्ञान के क्षेत्र में हासिल हई उपलब्धियों से श्रोताओं को परिचित कराया. श्री विजयभाई शाह ने जैन पुस्तकालय द्वारा की जाने वाली गतिविधियों पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम का संचालन श्री हितेन्द्रभाई मारफतिया ने किया तथा अन्त में श्री किरीटभाई कोबावाला ने धन्यवाद ज्ञापन किया. वाचकों को यह बताते हुए हमें आनन्द हो रहा है कि श्री विजयभाई हठीसिंग शाह ने शाह इन्टरप्राईज़ के सौजन्य से इस जैन पुस्तकालय के लिए अगली योग्य व्यवस्था होने तक दो वर्षों के लिए निःशुल्क भवन व्यवस्था उपलब्ध कराकर जिन शासन की अनुमोदनीय सेवा की है. उनके इस उदार सहयोग का श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र तथा जैन समाज अनुमोदना करता है.
श्रुतसरिता (पुस्तक विक्रय केन्द्र) का उद्घाटन : * विगत २५ नवम्बर १९९९ के दिन श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र, कोबा में नवनिर्मित भवन में पुस्तक विक्रय केन्द्र का उद्घाटन प.पू. गुरुदेव आचार्य श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी म.सा. की निश्रा में गुजरात खनिज विकास निगम लि. के चेयरमेन श्री मुकेशभाई झवेरी के करकमलों द्वारा सम्पन्न हुआ. इस अवसर पर गुजरात खनिज विकास निगम के निदेशक श्री सुनीलभाई सिंगी भी उपस्थित थे.
* परम पूज्य शासनप्रभावक राष्ट्रसंत आचार्य प्रवर श्रीमत् पद्मसागरसूरीश्वरजी म.सा. आदिठाणा का साबरमती जैन संघ में अनेकविध धर्म आराधनामय चातुर्मास व्यतीत हुआ. आपकी निश्रा में श्री रामनगरसाबरमती जैन संघ में विविध जप-तप, धार्मिक अनुष्ठान, युवा-बाल शिबिर एवं प्रवचनमाला से शासन प्रभावना के सुकृत कार्य सम्पन्न हुएँ. पर्वाधिराज पर्युषण में मासक्षमण, अट्ठाई, अट्टम आदि तपश्चर्या हुई. आपश्री के ६५वें जन्मदिन एवं जगद्गुरु आचार्य श्री हीरविजयसूरीश्वरजी महाराज की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में एक विशाल अनुमोदन सभा का आयोजन हुआ. इस कार्यक्रम के अन्तर्गत साधर्मिक भक्ति व बहुमान का विशेष आयोजन किया गया जिससे अनेक मध्यमवर्गीय परिवारों को जीवन-यापन की भरपूर सामग्रियाँ उपलब्ध कराई गईं. पूज्यश्री ने सम्राट अकबर प्रतिबोधक जगद्गुरु हीरविजयसूरिजी के द्वारा हुए धार्मिक सामाजिक उपकारों का ताजा बयान दिया. उन महापुरुष के प्रति सभा स्थित हजारों व्यक्तिओं ने अपने कर्तव्यता के पालन द्वारा भावांजलि समर्पित की एवं पूज्य गुरुदेवश्री के संयम पर्याय के अगणित सत्कार्यों की अनुमोदना की. पूज्य गुरुदेव की निश्रा में आसो मास की शाश्वती ओली की आराधना भी उल्लास पूर्वक सम्पन्न हुई. आपकी निश्रा में साबरमती जैन संघ द्वारा नवनिर्मित तीन मंजिले उपाश्रय के नामकरण हेतु आदेश दिये गये. श्रावकों की विशाल सभा में खुब ही अनुमोदनीय चढावे हुए..
* पूज्यपाद राष्ट्रसन्त आचार्यश्री के सान्निध्य में दि.२१-११-९९ के दिन मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम-साबरमती में जैन डॉक्टर्स फेडरेशन द्वारा आयोजित प्रथम वार्षिक संमेलन (JDCON'99) का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस विशाल संमेलन का बहुआयामी उद्देश्य सर्वजनोपयोगी होने के साथ-साथ जैन संघ के लिये बहुपयोगी रहा. इस अधिवेशन में निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा हुई.
१. अहिंसा में श्रद्धा रखनेवाले को अहिंसक ट्रिटमेन्ट किस प्रकार मिल सके. इस हेतु क्रूरता से निर्मित अभक्ष्य दवाइयों का पता लगाकर विकल्प ढूंढने तथा प्रसारित करना.
२. जैन संघ में परस्पर भातृ-भावना जागृत करना. ३. समाज में प्रदूषित व्यसनों को मिटाकर आहार और जैन धर्म वैज्ञानिक अभिगम प्रचारित करना.
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