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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ५. www.kobatirth.org ** Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चातुर्मास समाचार परम पूज्य गच्छाधिपति आचार्य भगवन्त श्री सुबोधसागरसूरीश्वरजी एवं पू. आचार्य श्री मनोहरकीर्तिसागरसूरिजी आदि ठाणा अहमदाबाद के १३२, श्यामल रो हाउस, सेटेलाईट में चातुर्मास विराज श्रुतसागर, श्रावण २०५५ रहे है. * प.पू. शिल्पशास्त्र मर्मज्ञ, आचार्य भगवन्तश्री कल्याणसागरसूरिजी म. सा. एवं मुनिश्री शिवसागरजी म.सा. आदि ठाणा का चातुर्मास श्री सिमन्धर जिनमंदिर तीर्थ. महेसाणा में सुसम्पन्न हो रहा है. * शासनप्रभावक, राष्ट्रसंत जैनाचार्य श्रीमत् पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराजा एवं पंन्यास श्री अमृतसागरजी व मुनिश्री विमलसागरजी म.सा. आदिठाणा श्री साबरमती रामनगर जैन श्वे. मू. पू. संघ में विविध आराधनाओं से सुशोभायमान चातुर्मास में विराजमान हैं. आपकी निश्रामें अभी-अभी श्री प्रेमचंदनगर- कर्णावती में भव्य अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव सम्पन्न हुआ. * पूज्य पंन्यास प्रवर श्री वर्धमान सागरजी म. एवं पू. पंन्यास श्री विनयसागरजी म. आदिठाणा जैन श्वे. मू. पू. संघ अंकुर सोसाईटी, अहमदाबाद में चातुर्मास विराज रहे हैं. * पू. ज्योतिषज्ञ पंन्यास प्रवर श्री अरुणोदय सागरजी म. एवं मुनिश्री अमरपद्मसागरजी म. आदिठाणा श्री जैन संघ उपाश्रय सेक्टर - २२ गांधीनगर में चातुर्मास विराज रहे हे. आपश्रीने हाल ही में अठ्ठाइ की महान तपश्चर्या परिपूर्ण की है. * परम पूज्य श्रुतोपासक मुनिवर श्री निर्वाणसागरजी म.सा. एवं मुनि श्री प्रेमसागरजी म. आदि ठाणा श्री उस्मानपुरा जैन श्वे. मू. पू. संघ, अहमदाबाद में चातुर्मास सम्पन्न हो रहा है. * प. पू. श्रुत प्रेमी मुनिवरश्री अजयसागरजी म. एवं मुनिवरश्री अरविन्दसागरजी म. आदि ठाणा दशापोरवाड जैन श्वे. मू. पू. संघ, अहमदाबाद में चातुर्मास बिराजे हुए हैं. * पूज्य मुनिश्री निर्मलसागरजी एवं मुनिश्री पद्मोदयसागरजी म. आदिठाणा श्री बुद्धिविहार जैन साधना स्थली - माउन्ट आबु में चातुर्मास कर रहे हैं. * रामनगर जैन श्वे. मू. पू. संघ में पूज्य राष्ट्रसंत आचार्य श्री की पावन निश्रा में अभी-अभी श्री श्रुत देवता भगवती माँ शारदा का जापानुष्ठान बडे उल्लास एवं आध्यात्मिक वातावरण में शास्त्रोक्त विधि-विधान से सुसम्पन्न हुआ. श्रुतदेवी की आराधना में २५० की संख्या में छोटे-बड़े समस्त चतुर्विध संघ ने लाभ लिया. मुनिश्री विमलसागरजी की इस पवित्र आराधना में अनुमोदनीय सत्प्रेरणा रही. कोबा तीर्थ में आस्था की विजय : विगत २२ मई १९९९ के दिन श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र - कोबा तीर्थ में भगवान श्री महावीर जिन प्रासाद में प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी सूर्य किरणों का तिलक-प्रसंग चमत्कारिक ढंग से हुआ. For Private and Personal Use Only इस दिन सुबह से ही भाविक भक्तजनों का दर्शन हेतु आगमन चालू रहा. ठीक निर्धारित समय २ बजकर सात मिनट के आधा घंटा पहले अरबी समुद्र से ठंडे चक्रवात के कारण देखते ही देखते घटाटोप बादल छा गये. किसी का इन्तजार किये बिना टिप टिप वारिश चालू हो गई और माहौल गमगीन जैसा बन गया. साधु, साध्वी, श्रावक श्राविका सभी को लग रहा था कि इस घने बादलों में सूर्य तो क्या प्रकाश भी तो जब कहीं दिखता नहीं है तो भाल तिलक का दृश्य कैसे संभव होगा. एक क्षण में कुदरत सबों को हतोत्साह कर दिया. परन्तु देखिये कुछ निर्मल आत्माओं के हृदय में सचमुच श्रद्धा के प्राण धमधमा रहे थे. श्रद्धालु लोग आपस में कह रहे थे कुछ तो जरूर होगा. परमात्मा के पुण्य प्रभाव से जरूर आज चमत्कार होगा और वही हुआ जो सच्चे भक्तजनों के अन्तरपट में गहराई से पड़ा था. जैसे-जैसे समय नजदीक आया
SR No.525259
Book TitleShrutsagar Ank 1999 09 009
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManoj Jain, Balaji Ganorkar
PublisherShree Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year1999
Total Pages16
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size1 MB
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