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श्रुत सागर, चैत्र २०५४
→ श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र- कोबा जिस धरती पर स्थित है उसके उदार दाता दानवीर तथा संस्था के भूतपूर्व ट्रस्टी श्री रसिकलाल अचरतलाल शाह के अवसान पर श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र परिवार सद्गत की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता है.
0 गणिवर्य श्री अरुणोदयसागरजी म.सा. आदि साधु भगवन्तों की पावन निश्रा में श्री महेसाणा तीर्थ में चल रहे उपधान तप की उत्साह के साथ १०/०१/९८ को पूर्णाहुति हुई. बड़ी संख्या मे छोटे-छोटे बाल श्रावक-श्राविकाओं से युक्त १०० से अधिक आराधकों ने इस तप की महान आराधना कर अपने श्रावकत्व की छाप निर्मल की. यह अत्यन्त अनुमोदनीय बात है. विशेष कर एक शतक मालाधारियों से तप का रंग कुछ और ही जमकर सामने आया है. पूज्य गणिश्री के आराधक प्रभाव ने सबके मन मोह लिए थे. आपके सान्निध्य से श्रीसंघ में जागृति आई है. स्मरण रहे कि पूज्य गणिवर्यश्री आगामी आयोजित होने वाले श्रीमद रविसागरजी शताब्दी महामहोत्सव के प्रेरक हैं.
प.पू. आचार्य श्री भद्रबाहुसागरसूरीश्वरजी म.सा., मुनि श्री निर्वाणसोगरजी म.सा. एवं ज्योतिज्ञ मुनिश्री अरविंद सागरजी म.सा. का नारणपुरा जैन संघ में सुन्दर चातुर्मास परिपूर्ण हुआ. विविध तपस्या एव आराधनाओं से पूरे चातुर्मास में धर्माराधना का रंग जमा रहा.
- स्वाध्याय निमग्न प्रशान्तमूर्ति महोपाध्यायश्री धरणेन्द्रसागरजी म.सा. एवं मुनि श्री प्रेमसागरजी म.सा. का गुजरात एपार्टमेन्ट (दिल्ली) में अनेकविध धर्माराधनाओं से युक्त चातुर्मास सम्पन्न हुआ. आपकी निश्रा में . श्री संघ में खास कर युवावर्ग में धर्म के प्रति जागरुकता आई है.
पूज्यपाद प्रशमपयोनिधि पंन्यासप्रवर श्री वर्धमानसागरजी म.सा. एवं गणिवर्य श्री विनयसागरजी म.सा. आदि ठाणा-५ का दिल्ली के गुजरात विहार में चातुर्मासं सम्पन्न हुआ. आपकी निश्रा में धार्मिक शिविरों का आयोजन हुआ जिससे अनेक बालक-बालिकाओं ने जैन तत्त्वज्ञान का बोध किया है.
प.पू. मुनिवर्य श्री निर्मलसागरजी व मुनिवर्य श्री पद्मोदयसागरजी म.सा. का चातुर्मास थूभ की वाड़ी, उदयपुर में सुन्दर रूप से सम्पन्न हुआ.
0 प.पू. मुनिवर्य श्री हेमचन्द्रसागरजी म.सा. एवं मुनिवर्य श्री अजयसागरजी म.सा. आदि ठाणा ने अहमदाबाद स्थित गोदावरी फ्लेट (वासणा) जैन संघ में चातुर्मास कर स्थानिक श्रीसंघ में धर्म प्रवचन श्रेणी द्वारा धर्म आराधना की नयी चेतना जागृत की. श्री संघ में अनेकविध तपश्चर्यादि अनुष्ठानों का सातत्य रहा.
- प.पू. मुनिश्री विमलसागरजी म.सा. आदि ठाणा निमच (म.प्र.) में चातुर्मास कर यहाँ पर श्रीसंघ में प्रेरक सुमधुर प्रवचनों द्वारा धर्म जागृति अभियान चलाया. अनेक लोगों ने इन प्रवचनों से सकृत अर्जित किया.
श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र-कोबा परिवार के ट्रस्टीगण, कार्यकारिणी के सदस्य, अहमदाबाद, गांधीनगर तथा आसपास के गुरुभक्तों एवं संघ प्रमुखों ने १ मार्च को जयपुर में परम पूज्य, राष्ट्र सन्त, महान जैनाचार्य, गुरुदेव श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराज साहेब को आगामी चातुर्मास श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र- कोबा में करने के लिए भाव-भक्ति पूर्व साग्रह विनन्ती की. गुरुदेव ने इस प्रेम व श्रद्धापूर्ण आग्रहभरी विनती को स्वीकर कर अनुगृहित किया है. अब आपको ज्ञात हो कि प.पू. गुरुदेव अपने शिष्य समुदाय सहित आगामी चातुर्मास हेतु गांधीनगर मे कोबा स्थित श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र मे ५ जूलाई १९९८ को चातुर्मास प्रवेश करेगें, यह समाचार जानकर समग्र अहमदाबाद एवं गांधीनगर तथा आसपास के उपनगरो में रहने वाले गुरुभक्तों मं अपूर्व उल्लास जागृत हुआ है. पू.पू. गुरुदेव आपके स्वागत की जोरदार तैयारियां - प्रारम्भ हो गई है.
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