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________________ वाराणसी की नैग्मेष मृण प्रतिमाएं : एक अध्ययन : 33 ए०के० एवं पी०के० अग्रवाल, १९७८ : ८५) है। इस मृणाकृति के गले में मिट्टी की पतली पट्टी चिपकाकर कण्ठाहार का अंकन है, जिसपर ठप्पा वलय द्वारा सज्जा है। चौड़ा कंधा, सपाट सीना एवं पतला पेट है। भग्न शीर्ष पर लम्बे अजकर्ण सुरक्षित हैं। इस पर ठप्पा वलय द्वारा कर्णाभूषण का अंकन है। इसी प्रकार कमर पर बाँयी तरफ अंशतः सुरक्षित पट्टी द्वारा मेखला जिस पर ठप्पा वलय द्वारा सज्जा है। यह मृणमूर्ति राजघाट के काल IV (३००-७०० ई०) से प्राप्त है। राजघाट के काल IV से इसके समान दो अन्य नैग्मेष की मृणाकृतियाँ (नारायन, ए०के० एवं पी०के० अग्रवाल, १९७८; फलक XVIII, B ३, ५) प्राप्त है। अन्य पुरास्थलों से प्राप्त नैग्मेष मृणाकृतियाँ आभूषण विहीन हैं तथापि खैराडीह के काल III (१०० ई०पू० से ३०० ई०) (जायसवाल विदुला, १९९१; फलक VIII २४, २६, २७), कुम्रहार के काल III (१००-३०० ई०) (अल्तेकर ए०एस०, १९५९ : ११०; फलक XLII ५, ७, ८) से आभूषित मृणाकृतियाँ भी प्राप्त हैं। गंगा घाटी में नैग्मेष की मृणाकृतियाँ १०० ई०पू० से ७०० ई० तक प्रचलित प्रतीत होती हैं। राजघाट के उदाहरणों में आभूषणों का अंकन पश्चिम के पुरास्थलों का प्रभाव माना जा सकता है। (स) नैग्मेषी (अजमुख स्त्री) मृण्मूर्तियाँ : इस वर्ग में अजमुखी स्त्री मृणाकृतियों का वर्णन है। वाराणसी से इस वर्ग की ८ मृणाकृतियाँ राजघाट (६), सारनाथ (१) एवं सराय-मोहाना (१) से प्राप्त हैं। क्रम सं० ५ राजघाट, खात सं० XI, स्तर सं० ४; ए०सी०सी० नं० ३०९ आकार: ७ से०मी० चित्र सं० ५ नैग्मेषी का यह भग्नांश (कमर से भग्न) पोत विहीन व हस्तनिर्मित है (नारायन, ए०के० एवं पी०के० अग्रवाल, १९७८ : ९०)। मृणाकृति के चेहरे पर चुटकी से उभार कर मोटी शुकाकार नाक एवं चीरा मुख का अंकन है। कंधे तक लटकते लम्बे चीरे कान, चुटकी से उभार कर अर्धचन्द्राकार छिद्रित शीर्ष, उन्नत वक्ष एवं हाथों पर चम्मच के समान दाब का अंकन है। सीने पर मिट्टी की गटिका चिपकाकर उरोज का अंकन है। यह मृणमूर्ति राजघाट के काल IV (३००-७०० ई०) से प्राप्त है। राजघाट उत्खनन के काल IV (३००-७०० ई०) से प्राप्त एक अन्य नैग्मेषी के गले में पिन छिद्रों द्वारा कण्ठाहार का अंकन (नारायन, ए०के० एवं पी०के० अग्रवाल, १९७८, फलक XVIII, B, ९) है।
SR No.525096
Book TitleSramana 2016 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey, Rahulkumar Singh, Omprakash Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2016
Total Pages186
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size14 MB
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