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________________ गुजराती अनुवाद : नगर जनोस करेला प्रवेश महेत्सवथी खुश थयेला, कराता मंगल उपचाटवाळा, नगरनी नारीओथी स्तुति कराता, तथा नगरजनोने आनंदित कर्या छे. तेवा राजास समर्थ पायदळनी साथे कमलावती राणी साथे दान आपता पोताना राजमहेलमा प्रवेश कर्यो। ।।युग्मम्।। हिन्दी अनुवाद : नगरजनों के द्वारा किए गए प्रवेश महोत्सव से खुश हुए, लोग जिसका मंगल उपचार कर रहे थे, नगर की नारियाँ जिसकी स्तुतिगान कर रही थीं, तथा जिसने नगरजनों को आनन्दित कर दिया था, वह राजा अपने पैदल लश्कर सहित कमलावती रानी के साथ लोगों को दान देता हुआ अपने राजमहल में प्रवेश किया। गाहा : एवं च तस्स रन्नो अदिट्ठ-दुक्खस्स देवि-सहियस्स । वोलीणाई कइवि हु वरिसाणं सय-सहस्साई ।।१०५।। संस्कृत छाया : एवञ्च तस्य राज्ञोऽष्टदुःखस्य देवीसहितस्य । व्यतिक्रान्तानि कत्यपि खलु वर्षाणां शत-सहस्राणि ।।१०५।। गुजराती अनुवाद : आ प्रमाणे कमलावती राणी सहित सुखपूर्वक ते राजाना हजारो वर्ष पसार थई गया। हिन्दी अनुवाद : इस प्रकार कमलावती रानी के साथ सुख पूर्वक रहते हजारों वर्ष बीत गए। गाहा : अह अन्नया कयाइवि अत्थाण-गयस्स राइणो तस्स । पडिहाराणुनाओ समंतभहोत्ति नामेण ।।१०६।। संस्कृत छाया : अथान्यदा कदाचिदपि आस्थानगतस्य राज्ञस्तस्य । प्रतिहारानुज्ञातः समन्तभद्र इति नाम्ना ।।१०६।।
SR No.525096
Book TitleSramana 2016 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey, Rahulkumar Singh, Omprakash Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2016
Total Pages186
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size14 MB
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