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________________ गुजराती अनुवाद : प्रतिकूलकारी स्वा भाग्ये आटलुं तो सारु कर्यु के जेथी जीवित स्वी तारी साथे मारो संगम थइ गयो. हिन्दी अनुवाद : प्रतिकूलकारी भाग्य ने इतना तो अच्छा किया कि जिससे जीवित तुम्हारे साथ मेरा संगम हो गया। गाहा : एमाइ-बहु-विगप्पं देविं आसासिऊण सो राया। निय-सिन्नेण समेओ समागओ गयपुरं कमसो।।१०२।। संस्कृत छाया : एवमादिबहुविकल्पं देवीमावास्य स राजा । निजसैन्येन समेतः समागतो गजपुरं क्रमशः ।।१०२।। गुजराती अनुवाद : इत्यादि बहु वचनो बड़े देवीने आश्वासन आपीने ते राजा पोताना सैन्यनी साथे अनुक्रमे हस्तिनापुर नगरम पहोंची गयो। हिन्दी अनुवाद : इस प्रकार के वचनों से देवी को आश्वासन देकर राजा अपने सैनिकों सहित हस्तिनापुर नगर पहुँच गया। गाहा : कारिय-गरुय-पमोओ थुव्वंतो नयर-नारि-निवहेण । कमलावई-समेओ दाणं देंतो अमरकेऊ ।।१०३।। कय-मंगलोवयारो नायर-जण-जणिय-हियय-आणंदो । निय-मंदिरे पविट्ठोपक्कल-पाइक्क-परियरिओ ।।१०४।। युग्मम्।। संस्कृत छाया : कारितगुरुप्रमोदः स्तूयमानो नगरनारीनिवहेन । कमलावती-समेतो दानं ददन्नमरकेतुः ।।१०३।। कृतमङ्गलोपचारो नागरजनजनितहृदयानन्दः । निजमन्दिरे प्रविष्टः पक्कलपदातिपरिवृतः ।।१०४।। युग्मम्।।
SR No.525096
Book TitleSramana 2016 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey, Rahulkumar Singh, Omprakash Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2016
Total Pages186
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size14 MB
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