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________________ गुजराती अनुवाद : त्यारपछी एक दिवसे अमरकेतु राजा सभामां बेठा हता त्यारे द्वारपालनी आज्ञा वड़े पोताना उद्यानमां नियुक्त करेलो समंतभद्र नामनो सेवक आव्यो. हिन्दी अनुवाद : तत्पश्चात् एक दिन जब राजा अमरकेतु राजसभा में बैठा हुआ था तभी द्वारपाल की आज्ञा द्वारा अपने उद्यान में नियुक्त समन्तभद्र नामक सेवक आया। याहा : उज्जाणम्मि निउत्तो पत्तो पणमित्तु राय-पय- कमलं । सीस- निवेसिय-कर-कमल- संपुडो हरिसिओ भाइ ।। १०७ । संस्कृत छाया : उद्याने नियुक्तः प्राप्तः प्रणम्य राजपदकमलम् । शीर्षनिवेशितकरकमलसम्पुटो हर्षितो भणति । । १०७।। युग्मम्।। गुजराती अनुवाद : अने ते राजाना चरण-कमलमां प्रणाम करीने मस्तक पर स्थापन करेला करकमलयुगलवाळो हर्ष पामेलो बोळ्यो. हिन्दी अनुवाद : तब उसने राजा के चरणकमलों में प्रणाम कर अपने सिर पर स्थापित कर कमलयुगल के साथ हर्षित होकर कहा गाहा : पुव्वं देवेण अहं नेमित्तिय सुमइ-वयणयं सोच्चा । कुसुमायर - उज्जाणस्स पालगत्ते निउत्तो म्हि ।। १०८ ।। संस्कृत छाया : पूर्वं देवेनाऽहं नैमित्तिकसुमतिवचनं श्रुत्वा । कुसुमाकरोद्यानस्य पालकत्वे नियुक्तोऽस्मि ।। १०८ ।। गुजराती अनुवाद : सुमति नैमित्तिकनुं वचन सांभळीने आपे कुसुमाकर उद्यानमा रक्षण मटि पहेलां मने नियुक्त कर्यो हतो ।
SR No.525096
Book TitleSramana 2016 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey, Rahulkumar Singh, Omprakash Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2016
Total Pages186
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size14 MB
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