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________________ गुजराती अनुवाद : ___ अरे! आ पापिष्ठ! बळात्कारे मारुं शीलखंडन करशे तो शरण रहित . हवे हुं शुं करूं? हिन्दी अनुवाद : अरे! यह पापी बलपूर्वक यदि मेरा शील भंग करेगा तो शरणरहित मैं क्या करूंगी। गाहा :निम्मत्थामि गिराहिं संपइ अइनिहराहिं जइ एयं । ता एस अमज्जाओ इण्हिपि विरूवयं कुज्जा ।।८।। संस्कृत छाया : निर्भर्त्सयामि गिराभिः सम्प्रत्यतिनिष्ठुराभिर्यचेतम् । तयेषोऽमर्याद इदानीमपि विरूपकं कुर्यात् ।।८।। गुजराती अनुवाद :___ जो अति निष्ठुर वाणी वडे सनो तिरस्कार कटीश तो निर्लज्ज स्वो ते वधु खराब करशे! हिन्दी अनुवाद : यदि कड़े शब्दों में इसका तिरस्कार करती हूं तो यह निर्लज्ज मेरे साथ बहुत बुरा करेगा। गाहा : ता संपइ मूयत्तं जुत्तं अवलंबिउं तओ पच्छा। पत्थावं लहिऊणं नासिस्समिमाओ पावाओ ।।८।। संस्कृत छाया :तस्मात् सम्प्रति मूकत्वं युक्तमवलम्बितुं ततः पश्चात् । प्रस्तावं लब्ध्वा नक्ष्याम्यस्मात् पापात् ।।८१।। गुजराती अनुवाद : तेथी हालमां मौननो आश्रय लेवो योग्य छे. पछी अवसर प्राप्त कटीने ते पापी पासे थी नासी जइश.
SR No.525096
Book TitleSramana 2016 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey, Rahulkumar Singh, Omprakash Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2016
Total Pages186
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size14 MB
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