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________________ गुजराती अनुवाद :___अनुक्रमे ते सुरथ ज्यारे आ प्रदेशमां आव्यो त्यारे कंडक बहानुं काढीने आ ज अरण्यमां ते रही गयो. हिन्दी अनुवाद : क्रम से जब वह सुरथ इस प्रदेश में आया, कोई बहाना बनाकर इस जंगल में रुक गया। गाहा : आवासिऊण सिन्नं दिणे दिणे एइ मह समीवम्मि । दंसेइ य बहु-माणं, अह अन्न-दिणम्मि एगते ।।६५।। संस्कृत छाया : आवास्य सैन्यं दिने दिने एति मम समीपे । दर्शयति च बहुमानं, अथान्यदिने एकान्ते ।।६५।। गुजराती अनुवाद : त्यां सैन्यनो पडाव नांखी दररोज मारी पासे आववा लाग्यो. अने मारा प्रति बहुमान दर्शाववा लाग्यो. हिन्दी अनुवाद : वहाँ जंगल में सैनिकों का पड़ाव डालकर रोज मेरे पास आने लगा और मेरे प्रति सम्मान जताने लगा। गाहा : धित्तुं आहरणाई मह पासे आगओ भणइ एवं । एयाइं गिण्ह सुंदरि! न सोहसे तं निराभरणा ।।६६।। संस्कृत छाया : गृहीत्वाऽऽ भरणानि मम पार्थे आगतो भणत्येवम् । एतानि गृहाण सुन्दरि ! न शोभसे त्वं निराभरणा ।।१६।। युग्मम् गुजराती अनुवाद : हवे एक दिवस एकांतमां आभूषणो लइने मारी पासे आवीने कहेवा लाग्यो, हे सुंदरी! आ आभूषणो ग्रहण कर-आभूषण वगरनी तुं शोभती नथी!
SR No.525096
Book TitleSramana 2016 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey, Rahulkumar Singh, Omprakash Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2016
Total Pages186
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size14 MB
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