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गुजराती अनुवाद :
एक वखत ज्यारे ओ ऋतु स्नान वाली थई पति साथे सूतां रात्रिना पाछला छेल्ला प्रहरमां स्वप्न जोईने जागी। हिन्दी अनुवाद :
एक दिन अब वह ऋतु स्नान वाली पति के साथ सोई थी, रात के पिछले प्रहर स्वप्र देखकर जग गयी।
अह भणइ मए पिययम! समिणे चंदो मुहेण पविसंतो।
विठ्ठो, तं दखूणं सहसा बुद्धा तओ अहयं ।। २४३।। संस्कृत छाया :
अथ भणति मया प्रियतम! स्वप्ने चन्द्रो मुखेन प्रविशन् ।
दृष्टः, तं दृष्ट्वा सहसा बुद्धा ततोऽहम् ।।२४३।। गुजराती अनुवाद :
___ पछी अणे कहयुं हे प्रियतम! स्वप्न मां चंद्रने मुख मा प्रवेशतो जोईने हुं जागी। हिन्दी अनुवाद :
बाद में उसने कहा, 'हे प्रियतम! मैंने स्वप्न में चन्द्रमा को मुख में प्रवेश करते हुए देखा और जाग गयी। .. गाहा :
भणियं धणदेवेणं संदरि! पुत्तो भविस्सए तुज्झ ।
सयल-वणि-वग्ग-पवरो इय एवं सूयए सुमिणं ।। २४४।। संस्कृत छाया :
भणितं धनदेवेन सन्दरि! पुत्रो भविष्यति तव ।
सकल-वणिग्-वर्ग-प्रवर इत्येवं सूचयति स्वप्रम् ।। २४४।। गुजराती अनुवाद :
त्यारे धनदेवे कहयुं हे सुंदरी! तने बधा व्यापारी वर्ग मां श्रेष्ठ स्वो पुत्र थशे अवं आ स्वप्न सूचित करे छे।