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________________ गुजराती अनुवाद : हर रोज सामान आवे छे ने जाय छे. आम ते नगरमां घणा महीना पसार थई गया । हिन्दी अनुवाद : प्रतिदिन सामान आता है और जाता है। इस तरह नगर में कई महीने रहे। गाहा : सागर सेट्ठि - सुएणं सिरिदत्तेण समं तु एयस्स । संजाया गुरु- पीई संववहारं करेंतस्स ।। १५९।। संस्कृत छाया : सागर श्रेष्ठसुतेन श्रीदत्तेन समन्तु एतस्य । सञ्जाता गुरु- प्रीतिः संव्यवहारं कुर्वतः ।। १५९ ।। गुजराती अनुवाद : सागर शेठ ना पुत्र श्रीदत्तनी साथे वेपार करतां धनदेव ने तेनी साथै गाढ मैत्री थई गयी। हिन्दी अनुवाद : सागर शेठ के पुत्र श्रीदत्त के साथ व्यापार करते करते धनदेवकी उसके साथ प्रगाढ़ मित्रता हो गयी। गाहा : अह अन्नया य नीओ नियय-गिहे भोयणस्स कज्जेण । महया उवरोहेणं सिरिदत्तेणं तु धणदेवो । । १६० ।। संस्कृत छाया : अथान्यदा च नीतो निजकगृहे भोजनस्य कार्येण । महतोपरोधेन श्रीदत्तेन तु धनदेवः ।। १६० ।। गुजराती अनुवाद : एक दिवस श्रीदत्त खूबज आग्रह करीने धनदेव ने पोताना त्यां जमवा लई गयो ।
SR No.525094
Book TitleSramana 2015 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSundarshanlal Jain, Ashokkumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2015
Total Pages170
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size15 MB
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