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________________ गुजराती अनुवाद १३. शोधवा गयेल पुरुषोने स.रोवरना एक योजन मात्रविस्तारमा हाथी मली गयो तेने लइने आनंद विनाना अमे आपनी पासे अहीं आव्या छीस। हिन्दी अनुवाद तलाश करने गए व्यक्तियों को तालाब के एक योजन विस्तार में हाथीं मिल गया उसे लेकर हम आनन्द रहित आपके पास आये हैं। गाहा ता किं तत्येव सरे गभीर-नीरम्मि उवरया देवी । अह तत्तो उत्तरिउं पत्ता उ कहिंपि वसिमम्मि? ।।१३४।। संस्कृत छाया तस्मात्किं तत्रैव सरसि गभीरनीरे उपरता देवी । अथ तत उतीर्य प्राप्ता तु कस्मिन्नपि वसतौ ? ।। १३४ ।। गुजराती अनुवाद १३४. तेथी शुं ते ज सरोवरना उंडा पाणीमां देवी सन्माई गया हशे? (मृत्यु पाम्या हशे) अथवा तो त्यांथी उतरीने कोई वसतिमां गया हशे? हिन्दी अनुवाद इसलिए ऐसा लगता है कि उस सरोवर के पानी में या तो देवी समा गयी हैं (मृत्यु को प्राप्त कर चुकी हैं) या वहाँ उतर कर किसी गाँव में चली गयी हैं? गाहा अहवा सावय-पउरे वणम्मि केणवि विणसिया होज्ज । न य जाणामो किंचिवि नरिंद! देवीए वुत्तंतं ।।१३५।। संस्कृत छाया अथवा श्वापदप्रचुरे वने केनाऽपि विनाशिता भवेत् । न च जानीमः किञ्चिदपि नरेन्द्र ! देव्या वृत्तान्तम् ।। १३५ ।। गुजराती अनुवाद - १३५. अथवा तो घणांजंगली पशुओथी युक्त वनमा कोइस मारी नांख्या हशे. हे नरेन्द्र! देवीनो बीजो कोई वृत्तांत अन्मे जाणता नथी.
SR No.525092
Book TitleSramana 2015 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSundarshanlal Jain, Ashokkumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2015
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size15 MB
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