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हिन्दी अनुवाद
इस प्रकार एक दिन रानी ऋतु स्नानोपरान्त कम्पित शरीर वाली रात्रि के अन्तिम प्रहर में स्वप्न देखकर सहसा जाग गयी। गाहा
भणिया रन्ना सुंदरि! कीस अकम्हाओ कंपिया तं सि ।
तीए भणियं पिययम! संपइ सुमिणं मए दि8 ।।६।। संस्कृत छाया
भणिता राज्ञा सुन्दरि ! कस्मादकस्मात् कम्पिता त्वमसि । ... तया भणितं प्रियतम । सम्प्रति स्वप्नं मया छटम् ।। ६० ।। गुजराती अनुवाद
६०. राजास कह्यु- हे सुन्दरी! तुं ओचिंती केम कंपवा लागी? त्यारे महाराणीस कडं 'हे प्रियतम! हमणा में स्वप्न जोयुं छे! . हिन्दी अनुवाद
राजा ने कहा, हे सुन्दरी! तुम अचानक कैसे कांप रही हो। तब महारानी ने कहा 'हे प्रियतम! अभी-अभी हमने एक स्वप्न देखा है।
गाहा
किल कणगमओ कलसो मज्झ मुहे पविसिउं विणिक्खंतो।
केणावि भंजणत्यं नीओ दूरं स कुद्धेण ।।११।। संस्कृत छाया
किल कनकमयः कलेशो मम मुखे प्रविश्य विनिष्क्रामन् । - केनाऽपि भजनार्थ नीतो दूरं स कुद्धेन ।। ६१ ।। गुजराती अनुवाद
६१. सुवर्णमय कलश मारा मुखमां प्रवेशीने नीकली गयो- क्रुद्ध थयेलो कोई तेने भागवां माटे दूर लई गयो। हिन्दी अनुवाद
मैंने देखा कि सुवर्णमय कलश प्रवेश कर निकल गया। क्रुद्ध हुआ कोई व्यक्ति उसे तोड़ने के लिए दूर ले गया।