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________________ गुजराती अनुवाद ५७. (राजा द्वारा महाराणीने कुंडल युगल प्रदान)___प्रसन्न मुखवाला राजास सवारे महाराणी पासे जईने देव दर्शन विगेरे सर्व वृत्तांत कह्यो। हिन्दी अनुवाद प्रसन्न मुखवाला राजा भी सुबह होने पर रानी के पास जाकर देवदर्शनादि का वृत्तान्त कहा। गाहा-. ..कुंडल-जुयलं अप्पिय पभाय-किच्चं करित्तु नीसेसं । पडिलाहिय साहु-जणं सयं पभुत्तो वराहारं ।। ५८।। संस्कृत छाया कुण्डलयुगलमर्पयित्वा प्रभातकृत्यं कृत्वा निःशेषम् । प्रतिलाभ्य साधुजनं स्वयं प्रभुक्तो वराहारम् ।। ५८ ।। गुजराती अनुवाद ५८. महाराणी ने कुंडल युगल आपीने, समस्त प्राध्यातिक कृत्य करीने, साधु भगवंतोने वहोरावीने पोते श्रेष्ठ भोजन कर्युहिन्दी अनुवाद महारानी को कुण्डल युगल देकर, सभी ने प्रात: क्रिया से निवृत्त होकर साधु भगवन्तों को आहार बहोरा कर स्वयं श्रेष्ठ भोजन किया। गाहा अह अन्नया य देवी रिउ-ण्हाया रयणि-चरिम-जामम्मि । द8 सुमिणं सहसा पडिबुद्धा वेविर-सरीरा ।।५९।। संस्कृत छाया अथान्यदा च देवी ऋतुस्नाता रजनीचरमयामे । ष्ट्वा स्वप्नं सहसा प्रतिबुद्धा वेपमानशरीरा ।। ५९ ।। गुजराती अनुवाद ५९. (महाराणीने स्वप्रदर्शन) हवे कोई समये ऋतु स्नाता, कंपता शरीरवाली राणी स्वप्न जोइने रात्रिना चरम समये एकदम जागी।
SR No.525092
Book TitleSramana 2015 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSundarshanlal Jain, Ashokkumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2015
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size15 MB
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