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________________ जैन जगत् भोगीलाल लहेरचन्द इन्स्टीट्यूट ऑफ इण्डोलॉजी, दिल्ली द्वारा प्राकृत भाषा और साहित्य की २७वीं ग्रीष्मकालीन अध्ययनशाला का सफल आयोजन भोगीलाल लहेरचन्द इन्स्टीट्यूट ऑफ इण्डोलॉजी, दिल्ली द्वारा दिनांक १७ मई से ०७ जून २०१५ तक २७वीं इक्कीस दिवसीय प्राकृत भाषा एवं साहित्य की ग्रीष्मकालीन अध्ययनशाला का सफलता के साथ आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल एवं दिल्ली आदि प्रदेशों के उच्च शिक्षण संस्थानों से समागत आरम्भिक एवं उच्चत्तर- इन दोनों पाठ्यक्रमों में बयालिस प्रतिभागियों ने भाग लिया। इक्कीस दिवसीय इस प्राकृत कार्यशाला में अनेक ज्ञानवर्धक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। इनमें सर्वप्रथम २१ मई २०१५ को इण्डिया इण्टरनेशलन सेंटर, नई दिल्ली में संस्थान की ओर से नवसृजित व्याख्यानमाला के अन्तर्गत संस्थान के उपाध्यक्ष एवं एल०डी इन्स्टीट्यूट ऑफ इण्डोलॉजी, अहमदाबाद के निदेशक डॉ० जितेन्द्र बी० शाह का कल्पसूत्र के लघुचित्रों पर आधारित विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन प्रसिद्ध कलाविद् विदुषी श्रीमती कपिला वात्स्यायन जी की अध्यक्षता में किया गया। साथ ही प्राकृत भाषा को शास्त्रीय भाषा के रूप में प्रतिष्ठित करने हेतु श्रीमती कपिला वात्स्यायन की प्रेरणा एवं सान्निध्य में दिनांक ०२ जून, २०१५ को इण्डिया इण्टरनेशलन सेंटर, नई दिल्ली में संस्थान की ओर से प्रतिनिधि सम्वाद का अयोजन किया गया। संस्थान के निदेशक प्रो० गयाचरण त्रिपाठी के संयोजकत्व में सम्पन्न इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से माननीया कुलपति समणी चारित्रप्रज्ञा जी, जैन विश्व भारती संस्थान, लाडनूँ, प्रो० जितेन्द्र बी. शाह, निदेशक- एल०डी० इन्स्टीट्यूट, अहमदाबाद तथा प्रो० जगतराम भट्टाचार्य, विश्वभारती शान्तिनिकेतन, पश्चिम बंगाल, समणी कुसुमप्रज्ञा, जैन विश्वभारती आदि सम्मिलित हुए। प्राकृत भाषा एवं साहित्य के इस पाठ्यक्रम में देश के ख्यातिलब्ध जिन विद्वानों ने अध्यापन कार्य किया उनमें वरिष्ठ विद्वान् प्रो० किरण कुमार थपल्याल (लखनऊ), प्रो० धर्मचन्द जैन (जोधपुर), प्रो० जगतराम भट्टाचार्य (शान्तिनिकेतन, पश्चिम बंगाल), प्रो० कमलेश कुमार जैन (जयपुर), डॉ० जितेन्द्र कुमार जैन (उदयपुर),
SR No.525092
Book TitleSramana 2015 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSundarshanlal Jain, Ashokkumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2015
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size15 MB
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