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________________ 58 : श्रमण, वर्ष 65, अंक 3-4/जुलाई-दिसम्बर 2014 चर्चा है। प्रो0 प्रसाद ने अशोक के अभिलेखों में भी बुद्ध पूर्व बुद्ध . परम्परा के संकेत का उल्लेख किया। चीनी यात्री फाह्यान ने काश्यप बुद्ध जो गौतम बुद्ध के ठीक पूर्व हुए का उल्लेख किया है। प्रो० प्रसाद जी ने प्रत्येक और सम्यक दो प्रकार के बुद्धों का उल्लेख करते हुए गौतम बुद्ध को सम्यक सम्बुद्ध बताया। उन्होंने जैन ग्रन्थ ऋषिभासित का उल्लेख करते हुए बताया कि इसमें 45 जैनेतर व्यक्तियों की चर्चा है। इनको भी बुद्ध कहा गया है। अन्तिम छ: बुद्धों का नाम, जन्म स्थान और इनके वृक्ष का उल्लेख संस्कृत एवं पालि साहित्य में प्राप्त होता है। इन्हें मानुषी बुद्ध कहा गया है। अन्त में प्रो0 प्रसाद ने कहा कि गौतम बुद्ध को बौद्ध धर्म का संस्थापक नहीं माना जा सकता। 7. जैन गुफाएँ : यह व्याख्यान प्रो0 हरिहर सिंह, प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्त्व विभाग, का0हि०वि०वि०, वाराणसी का था। प्रो0 सिंह ने प्राचीन भारत में बनने वाली संरचनात्मक एवं शैलीकृत दो प्रकार की इमारतों की विशेषताओं एवं अन्तर का विवेचन करते हुए मानव निर्मित शैलकृत जैन गुफाओं की विशद् विवचेना की। उन्होंने चन्द्रगुप्त मौर्य द्वारा पटना में निर्मित पत्थरों के महलों की विशेषताओं की विवेचना के क्रम में इसी काल में निर्मित नागार्जुन एवं बराबर की सर्वप्राचीन सात गुफाओं का उल्लेख करते हुए इनकी विशेषताओं, निर्माताओं एवं निर्माण के उद्देश्यों पर विधिवत प्रकाश डाला। इसी क्रम में प्रो० सिंह ने राजगह में प्राप्त दो जैन गुफाओं के साथ-साथ उदयगिरि तथा खण्डगिरि में खारवेल के परिजनों द्वारा निर्मित जैन गुफाओं की विशेषताओं का भी विशद् विवेचन किया। उन्होंने इन गुफाओं में प्राप्त अभिलेखों पर भी पर्याप्त प्रकाश डाला। प्रो0 सिंह ने जूनागढ़ की श्रृंखलाबद्ध गुफाओं का विवेचन करते हुए चन्द्रगुफा का विशेष रूप से चित्रण किया जहाँ आचार्य हरिषेण के शिष्यों पुष्पदन्त एवं भूतबली ने दिगम्बर जैन ग्रन्थ षट्खण्डागम की
SR No.525089
Book TitleSramana 2014 07 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshokkumar Singh, Rahulkumar Singh, Omprakash Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2014
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size9 MB
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