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________________ 68 : श्रमण, वर्ष 65, अंक 2/अप्रैल-जून 2014 जैन योग के सात ग्रन्थ में भी मु० दुलहराज द्वारा कृत हिन्दी अनुवाद सहित यह प्रकाशित है। परन्तु इसका अंग्रेजी अनुवाद उपलब्ध नहीं था अत: संस्कृतच्छाया, रोमन ट्रांसलिटरेशन, अंग्रेजी अनुवाद, व्याकरणात्मक विश्लेषण, शब्दार्थ एवं शब्दानुक्रमणिका सहित इस ग्रन्थ को प्रकाशित करने की पार्श्वनाथ विद्यापीठ की योजना है। यह ग्रन्थ शीघ्र ही प्रकाशित किया जा रहा है। ३. रत्नकरण्डश्रावकाचार, संस्कृत, समन्तभद्र - रत्नकरण्ड श्रावकाचार चौथी शताब्दी के जैन आचार्य स्वामी समन्तभद्र द्वारा संस्कृत भाषा में रचित आचारशास्त्रीय ग्रन्थ है। सम्पूर्ण जैन आचार दो भागों में विभाजित है- श्रावकाचार और श्रमणाचार। जब एक व्यक्ति अपनी आध्यात्मिक उन्नति एवं साधना के लिए सांसारिक बन्धनों से मुक्ति हेतु अणुव्रतों का सन्धान करता हुआ श्रमण आचार की ओर उन्मुख होने का प्रयत्न करता है तब वह सही अर्थों में श्रावक होता है। रत्नकरण्ड श्रावकाचार में १५० गाथाएँ हैं। इसमें सम्यक् दर्शन, सम्यक् ज्ञान और सम्यक् चारित्र-इन तीनों को धर्म कहकर सम्यक् चारित्र के अन्तर्गत श्रावकाचार का निरूपण किया है। इस ग्रन्थ में सात अधिकार है- १. सम्यग्दर्शनाधिकार २. सम्यग्ज्ञानाधिकार ३. अणुव्रताधिकार ४. गुणव्रताधिकार ५. शिक्षाव्रताधिकार, ६. सल्लेखनाधिकार और ७. प्रतिमाधिकार। प्रथम अधिकार में सम्यक् दर्शन का लक्षण, आप्त, आगम एवं गुरु का लक्षण तथा सम्यक् दर्शन के आठ अंगो का वर्णन है। द्वितीय अधिकार में सम्यक् ज्ञान का लक्षण, द्रव्यश्रुत के चार भेदो प्रथमानुयोग, करणानुयोग, चरणानुयोग तथा द्रव्यानुयोग के लक्षण दिये गये हैं। तृतीय अधिकार में सम्यक् चारित्र के लक्षण, भेद तथा स्वामियों के वर्णन के बाद पाँच अणुव्रत, तीन गुणव्रत और चार शिक्षाव्रतों के लक्षण, अतिचार एवं फल का वर्णन है। चतुर्थ अधिकार में दिग्वत, अनर्थदण्डव्रत और भोगोपभोग परिभाण व्रत-इन तीनों गणव्रतों का स्वरूप, अतिचार एवं फल का वर्णन किया गया है। पंचम अधिकार में देशावकाशिक, सामायिक, प्रोषधोपवास और वैयावृत्य-इन चार शिक्षाव्रतों के लक्षण, फल तथा अतिचार का वर्णन
SR No.525088
Book TitleSramana 2014 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshokkumar Singh, Rahulkumar Singh, Omprakash Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2014
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size9 MB
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