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________________ पुस्तक समीक्षा साभार- प्राप्ति सौजन्य - प्रो० कमल चन्द सोगाणी, निदेशक, अपभ्रंश साहित्य अकादमी, जयपुर १. द्रव्य संग्रह : मुनि नेमिचन्द सिद्धान्तिदेव, सम्पा० डा० कमलचन्द सोगाणी, अनु० शकुन्तला जैन, अपभ्रंश साहित्य अकादमी, जैनविद्या संस्थान, दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी, ३२२२२० (राजस्थान) आई०एस० वी० एन० ९७८७- ९२६४६८-१-७ २०१३ ८१ पृ०११०, (मूल, अन्वय, हिन्दी अनु०, व्याकरणिक विश्लेषण एवं परिशिष्ट सहित, परिशिष्ट - १ संज्ञाकोश, क्रियाकोश, कृदन्त, विशेषण, संख्या, सर्वनाम, अव्यय, परिशिष्ट - २, छंद।) २. प्रवचनसार : आचार्य कुन्दकुन्द, सम्पा० डा० कमल चन्द सोगाणी, अनु० शकुन्तला जैन, अपभ्रंश साहित्य अकादमी, जैन विद्या संस्थान, दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी ३२२२२० (राज०) २०१३, पृ० १६०, (खण्ड-१), (आई०एस० वी० एन० ९७८ - ८१-९२६४६८२-४) (मूल, अन्वय, व्याकरणिक विश्लेषण, हिन्दी अनुवाद, विशेषण, सर्वनाम एवं अव्यय सूची, परिशिष्ट - १ - संख्या, क्रिया, कृदन्त ३. जैनधर्म में आचारशास्त्रीय सिद्धान्त (तीन खण्ड) लेखन व सम्पा० डा० कमलचन्द सोगाणी, अनु० शकुन्तला जैन, जैनविद्या संस्थान, दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी, ३२२२२०, ( राज०) २०१०, (खण्ड१) पृ० ३४, १६५ (आई०एस० बी० एन० ८१-८८६७-०६-* (लेखक की Ethical Doctrines in Jainism का हिन्दी अनुवाद) खण्ड - २ प्र० सं० २०११, पृ० ३४, ११५, (आई०एस० बी० एन० ८१-८८६७७-०७)
SR No.525087
Book TitleSramana 2014 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshokkumar Singh, Omprakash Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2014
Total Pages80
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
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