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जैन जगत्
1. आचार्य सम्राट पूज्य श्री शिवमुनि जी का चातुर्मास प्रवेश श्रमण संघीय प्रथम पट्टधर आचार्य सम्राट पूज्य श्री आत्माराम जी महाराज के पोत्र शिष्य व बहुश्रुत. महाश्रमण पूज्य गुरुदेव श्री ज्ञानमुनि जी महाराज के सुशिष्य तपसूर्य, आत्मज्ञानी सद्गुरु युगप्रधान आचार्य सम्राट पूज्य श्री शिवमुनि जी महाराज का चतुर्मास मंगल प्रवेश एवं भव्य अभिनन्दन समारोह दिनांक 1 जुलाई 2012, रविवार को प्रात: 9.00 बजे लुधियाना में प्रारम्भ होगा।
harya Shivmuni Ji
आचार्यश्री जी जैनदर्शन की मूल साधना, आत्मध्यान साधना के अन्वेषक वीतराग साधना के प्रचारक, आत्मज्ञानी, आत्मार्थी सन्त रत्न हैं। आपश्री जी तीस हजार किलोमीटर की पदयात्रा करते हुए भी 26 वर्षीय एकान्तर तप में संलग्न हैं।
आपने पुरुषार्थ, क्षमा, प्रार्थना, विनय एवं कृतज्ञता से असम्भव को सम्भव कर दिखाया है। आत्मध्यान के प्रयोग से आपने लाखों-लाखों के जीवन में क्षायिक समकित के बीज का आरोहण किया है और वे सभी साधक आत्मज्ञान से केवलज्ञान प्राप्त करने की साधना में अनवरत साधनारत हैं। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर इस चातुर्मास में आचार्य श्री द्वारा आत्म-ध्यान साधना शिविर का आयोजन किया गया है जिसका विवरण निम्नलिखित है(अ) बेसिक शिविर (3 दिवसीय) दिनांक : 9-11 जुलाई, 6-8 अगस्त, 24-26 सितम्बर, 2012 (ब) बेसिक शिविर (1 दिवसीय) दिनांक : 11 जुलाई,8 अगस्त, 2 सितम्बर, 14 सितम्बर, 26 सितम्बर, 14 अक्टूबर और 17 अक्टूबर 2012 (स) गम्भीर शिविर (2 दिवसीय) दिनांक : 15-16 सितम्बर 2012