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60 : श्रमण, वर्ष 63, अंक 2 / अप्रैल-जून 2012 3. 12 जुलाई, 2012 को आई. एस. जे. एस. शिक्षण सत्र का समापन दिनांक 12 जुलाई 2012 को पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी में आई. एस. जे. एस. (इण्टरनेशनल स्कूल फार जैन स्टडीज) के तत्त्वावधान में जैनधर्म-दर्शन का अध्ययन करने वाले विदेशी विद्वानों एवं छात्रों के अध्ययन कार्यक्रम का समापन होगा।
4. अखिल भारतीय दर्शन परिषद् का 60वाँ अधिवेशन पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी में कराने का प्रस्ताव
अखिल भारतीय दर्शन परिषद् के 60वें अधिवेशन को सन् 2013 में पार्श्वनाथ विद्यापीठ. वाराणसी में आयोजित कराने का प्रस्ताव 58वें अधिवेशन (सोमनाथ) में कार्यकारिणी के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
5. जैनधर्म-दर्शन विषय पर 15 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला कराने की योजना आगामी 23 सितम्बर से 7 अक्टूबर 2012 को पार्श्वनाथ विद्यापीठ द्वारा जैनधर्म-दर्शन विषयक राष्ट्रीय कार्यशाला कराने की योजना है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत जैनधर्म-दर्शन के समस्त पक्षों जैसे- जैन दर्शन, आचार, साहित्य, मूर्तिकला. चित्रकला, पाण्डुलिपि. प्राकृत भाषा, अपभ्रंश भाषा इत्यादि विषयों पर व्याख्यान होंगे।
विशिष्ट व्यक्तियों का आगमन श्री नृपराज जैन, श्री सुमति कर्णावत एवं श्री अशोक श्रमण संघीय चतुर्थ पट्टधर आचार्य सम्राट प. पू. श्री शिवमुनि जी म. सा. के शिष्य श्री सुमति कर्णावत (अध्यक्ष, श्रमण संघीय श्रावक समिति), श्री नृपराज जैन (पूर्व अध्यक्ष, पार्श्वनाथ विद्यापीठ) एवं श्री अशोक मेहता (सूरत) आदि जैन समाज के अग्रणी गणमान्य व्यक्तियों का आगमन दिनांक 11 जून 2012 को पार्श्वनाथ विद्यापीठ में हुआ। इन गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत संस्था के मंत्री श्री इन्द्रभूति बरड़ एवं अध्यक्ष डॉ. शुगन चन्द जैन ने किया एवं संस्था के विकास से सम्बन्धित भावी परियोजनाओं पर विचार-विमर्श किया।