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५२ : श्रमण, वर्ष ६१, अंक ४/ अक्टूबर-दिसम्बर-१० संयुक्तनिकाय० थेरीगाथा२१ से विदित है कि अनिष्टकारी शक्ति एवं प्रभाव से बचने के लिए विभिन्न प्रकार के मनोकामना पूर्ति के लिए सामान्य जन प्रायः चतुर्थी, पंचदशी, अष्टमी तथा नवमी व्रत का पालन करते थे। चातुर्मास व्रत को वर्षावास कहा गया है। वृहत्कल्पभाष्य में वर्षावास का परम प्रमाण चार माह गया है।२२ स्थानांग सूत्र२३ तथा विनयपिटक२४ में चातुर्मास्य व्रत के रूप में वर्षावास का उल्लेख है।
धार्मिक क्रिया का तीसरा महत्त्वपूर्ण अंग दान है। ऋग्वेद में दान को अति श्रेष्ठ माना गया है। इसमें नीति है कि दानदाता के पाप को इन्द्र नष्ट कर देते हैं।२५ दानकर्ता के लिए कहा गया है कि वह स्वर्ग में उच्च स्थान प्राप्त करता है। अश्व-दान करने वाला सूर्यलोक में निवास करता है। स्वर्ण का दानी देवता का पद प्राप्त करता है। परिधान का दान करने वाला दीर्घ जीवन का लाभ करता है। सप्तम मण्डल में अश्वदान, गायदान, रथदान का उल्लेख है।२७ पंचम मण्डल में रक्तदान का उल्लेख है।२८ चतुर्थ मण्डल में गोदान करने वाले का दान प्रशंसनीय कहा गया है।२९ छान्दोग्य उपनिषद् में आया है कि जनश्रुति पौत्रायण ने स्थान-स्थान पर ऐसी भोजनशालाएँ बनवा रखी थी जहाँ पर सभी दिशाओं से आकर लोग भोजन प्राप्त कर सकते थे। महाभारत के अनुशासन पर्व में भूमिदान, वशिष्ठ-धर्मसूत्र, मनुस्मृति तथा याज्ञवल्क्य स्मृति में विद्यादान, विष्णु धर्मसूत्र में अभयदान को सर्वश्रेष्ठ बताया गया है।३१ ___जैनों के सूत्रकृतांग में अभयदान को श्रेष्ठ कहा गया है।२२ जैन आगम में दान के लिए मुद्यादायी और मुद्याजीवी शब्द का उल्लेख किया गया है। दान वही श्रेष्ठ है जिसमें दाता का कल्याण हो और गृहीता का भी कल्याण हो।३३ आचारांग सूत्र में उल्लेख है कि तीर्थंकर दीक्षा लेने के पहले वर्षीदान करते हैं। स्थानांग सूत्र में दान को श्रेष्ठ धर्म कहा गया है।३४ स्थानांग सूत्र तथा आवश्यकचूर्णि में दान के दस प्रकारों का भी उल्लेख है।
आवश्यक सूत्र, उपासकदशांग, सूत्रकृतांग एवं भगवतीसूत्र में दान के उत्तम प्रकारों का उल्लेख है। इनमें शासन, दान, खादिम, स्वादिम, वस्त्र, पात्र, कम्बल, पादपोछन, पीठफलक, शय्या, संस्तारक, औषध और भैषज्यदान को श्रेष्ठ फलदायी कहा गया है।३६
बौद्ध साहित्य में भी दान-क्रिया की निरन्तरता जारी है और दिव्य बल, आयु ब्रह्मलोक की प्राप्ति, सर्वज्ञता की प्राप्ति२९, देवत्व की प्राप्ति,