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को प्राप्त कर) वे दोनों सुलोचना और कनकरथ दूसरे देवलोक में चन्द्रार्जुन नामक विमान में सामानिक देव के रूप में उत्पन्न हुए।
गाहा:
कणगरहो ओ विहुप्पह-नामो इयरा सयंपभा नाम । सावि तइज्जा भगिणी वसुमइया आउय-खयम्मि ।।२२९।। पुव्व-दइयस्स जाया चंदज्जुण-नामगस्स देवस्स ।
तत्थेव किल विमाणे देवी चंदप्पभा नाम ।। २३०।। (युग्मम्) संस्कृत छाया :
कनकरथ ओ! विधुप्रभनामा इतरा स्वयंप्रभा नाम । साऽपि तृतीया भगिनी वसुमती आयुः क्षये ।। २२९।। पूर्वदयितस्य जाता चन्द्रार्जुन-नामकस्य देवस्य ।
तत्रैव किल विमाने देवी चन्द्रप्रभा नाम ।। २३०।। (युग्मम्) गुजराती अनुवाद :
कनकरथ राजानो जीव विद्युप्रभ नामे देव तथा सुलोचना जे स्वयंप्रथा नामे देवी हती तथा बीजी ते बहेन वसुमती पण आयुष्य पूर्ण थये छते-पूर्वधवना पति चंद्रार्जुन नामना देवनी ते ज विमानमां चंद्रप्रभा नामनी देवी तरीके उत्पन्न थई। हिन्दी अनुवाद :
कनकरथ राजा का जीव विद्युप्रभ नामक देव तथा सुलोचना जो स्वयंप्रभा नामकी देवी थी तथा तीसरी बहन वसुमती भी आयुष्य पूर्ण होने पर पूर्वभव के पति चन्द्रार्जुन नामक देव के उसी विमान में चन्द्रप्रभा नाम की देवी के रूप में उत्पन्न हुई। गाहा :
एवं एग-विमाणे दिव्व-सुहं ताण अणुहवंताणं ।
सव्वेसिं अन्नोन्नं अइगरुया आसि पीईओ ।। २३१।। संस्कृत छाया :
एवमेक-विमाने दिव्यसुखं तेषामनुभवताम् । सर्वेषां अन्योन्य-मतिगुर्व्य आसन् प्रीतयः ।। २३१।।
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