SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 261
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ गुजराती अनुवाद : हवे एक वखत पोतानुं आयुष्य अल्प जाणीने सुधर्मसूरिजीस (संलेखना) अंतीम आराधना करी से अनशन करीने विधि वडे सारी टीते कालधर्म (मृत्यु) पाया। हिन्दी अनुवाद : अब एक बार अपना आयु कम जानकर सुधर्मसूरिजी ने (संलेखना) अन्तिम आराधना किया और अनशन करके विधिपूर्वक भली-भांति कालधर्म (मृत्यु) को प्राप्त किया। (धनवाहन शशिप्रभनो सामानिक देव विद्युत्प्रभ) गाहा : बीयम्मि देव-लोगे पवरे चंदज्जुणो विमाणम्मि । जाओ विमाण-सामी देवो उ ससिप्पभो नाम ।। २२२। संस्कृत छाया : द्वितीये देवलोके प्रवरे चन्द्रार्जुने विमाने । जातो विमान-स्वामी देवस्तु शशिप्रभो नाम ।। २२२।। गुजराती अनुवाद :. बीजा देवलोकमां श्रेष्ठ चंद्रार्जुन नामना विमानमा विमानना मालिक शशिप्रभ नामना देव रूपे उत्पन्न थया। हिन्दी अनुवाद : दूसरे देवलोक में श्रेष्ठ चन्द्रार्जुन नामक विमान में विमान के मालिक शशिप्रभ नामक देव के रूप में उत्पन्न हुआ। घणवाहणोवि साहू अतुट्ट-रागो चरित्तु सामन्नं । कालं काउं विहिणा उप्पन्नो बीय-कप्पम्मि ।। २२३।। संस्कृत छाया : धनवाहनोऽपि साधुरत्रुटितरागश्चरित्वा श्रामण्यम् । कालं कृत्वा विधिनोत्पन्नो द्वितीय-कल्पे ।।२२३।। 602
SR No.525071
Book TitleSramana 2010 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2010
Total Pages272
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy