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संस्कृत छाया :
एनं
जाता स्वस्थ शरीरा सुन्दरि ! व्रजाव इदानीं निजस्थानम् । श्रुत्वा एष विकल्पो
शब्द
गुजराती अर्थ :- हे सुन्दरी! तुं स्वस्थ देहवाळी थई होय तो आपणे हवे आपणा स्थाने जईए, आ प्रमाणे शब्द सांभळी ने मने आ विचार उत्पन्न थयो ।
हिन्दी अनुवाद 'हे सुन्दरी! तू स्वस्थ हुई हो तो अपने-अपने स्थान पर चलें' इस तरह सुनकर मुझे यह विकल्प उत्पन्न हुआ।
गाहा :- चित्रगतिनुं मिलन
नूणं चित्तगइस्स य एसो सद्दो न होइ अन्नस्स । एयम्मि वण1 -निगुंजे अहवा को संभवो तस्स ? ।। ६८ ।।
संस्कृत छाया :
नूनं चित्रगतश्चैष शब्दो न
भवत्यन्यस्य ।
एतस्मिन् वननिकुञ्जेऽथवा कस्सम्भ्वस्तस्य ? ||६८ । । गुजराती अर्थ :- निश्चे आ अवाज चित्रगतिनो ज छे बीजा कोईनो लागतो नथी, अथवा आ वन नी झाडीमां तेनो संभव क्याथी होय? | हिन्दी अनुवाद :निश्चित ही यह ध्वनि चित्रगति की ही है, अन्य किसी की नहीं है अथवा इस वन की झाड़ी में चित्रगति की उपस्थिति कैसे (संभव) हो सकती है?
गाहा :
एवं विंचिंतियम्मी कयली-गेहाओ ताओ गुविलाओ । तरुण- महिला - समेओ चित्तगई झत्ति नीहरिओ ।। ६९ ।। संस्कृत छाया :
एवं विचिन्तिते कदलीगृहात् तस्मात् गुपिलाद्' । तरुणमहिला समेतश्चित्रगति र्झटिति निःसृतः ।।६९।।
ममोत्पन्नः ||६७ ।।
गुजराती अर्थ :- आ प्रमाणे विचार करे छते गाढ केलाना घरमाथी
तरुण महिला सहित चित्रगति जल्दी नीकळयो ।
हिन्दी अनुवाद :- इस प्रकार सोच रहा था तभी घने कदलीगृह में से एक तरुण युवती के संग चित्रगति जल्दी से निकला ।
गाहा :
तत्तो गंतूण मए सहरिसमालिंगिओ स नेहेणं ।
अहमवि तेणं, तत्तो उवविट्ठा दोवि तत्थेव ।।७० ।।
१. गहन
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