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७५. गुणस्थान सिद्धान्त : एक विश्लेषण - (ग्रं०मा०सं०८७),लेखक - डॉ०
सागरमल जैन; प्रथम संस्करण - १९९६; आकार - डिमाई; पृष्ठ - ६+१३८;
मूल्यः रु० - ६०.००। ७६. भारतीय जीवन-मूल्य- (ग्रं०मा०सं०८९) लेखक - डॉ. सुरेन्द्र वर्मा; प्रथम
संस्करण १९९६, आकार - डिमाई; पृष्ठ - ६+२२०; मूल्य : रु० - १५०.००। ७७. पञ्चाशक-प्रकरणम् - (ग्रं०मा०सं० ९२) (I.S.B.N. 81-86715-20-7)
अनुवादक-डॉ० दीनानाथ शर्मा; प्रथम संस्करण - १९९७; आकार - डिमाई;
पृष्ठ- १०४+३६५; मूल्य : रु० - २५०.००। ७८. सिद्धसेन दिवाकर : व्यक्तित्व एवं कृतित्व - (ग्रं०मा०सं० ९५) लेखक
-डॉ० श्रीप्रकाश पाण्डेय; प्रथमसंस्करण १९९७; आकार-डिमाई, पृष्ठ- १०९;
मूल्यः रु० - १००.००। ७९. भारत की जैन गुफाएं- (ग्रं०मा०सं०९३), लेखक - डॉ० हरिहर सिंह; प्रथम
_संस्करण १९९७; आकार : डिमाई; पृष्ठ - १००, मूल्य : रु० - १५०.००। ८०. वसुदेवहिण्डी : एक अध्ययन- (ग्रं०मा०सं०९६),(I.S.B.N. 81-86715
24-X) लेखिका - डॉ० (श्रीमती) कमल जैन; प्रथम संस्करण - १९९७;
आकार- डिमाई, पृष्ठ - १२+१६४ = १७६; मूल्य : रु० - १८०.००) । ८१. जैनदर्शन में निश्चय और व्यवहार नय : एक अनुशीलन - (ग्रं०मा०सं०
९८), (I.S.B.N. 81-86715-25-8), लेखक - डॉ० रतनचन्द्र जैन; प्रथम संस्करण,१९९७,आकार - डिमाई,पृष्ठ - २६+२५९; मूल्यः रु० - २००.००,
पेपर बैक तथा रु० - २५०.०० हार्ड बाउण्ड। ८२. जैन धर्म और तान्त्रिक साधना - (ग्रं०मा०सं० ९४), (I.S.B.N. 81
86715-21-5) लेखक - डॉ० सागरमल जैन; प्रथम संस्करण १९९७; पृष्ठ - ५००; आकार- डिमाई, मूल्य : रु. २५०.०० (अजिल्द) एवं ३५०.००
(सजिल्द)। ८३. दशाश्रुतस्कन्धनियुक्तिः एक अध्ययन - (मूल संस्कृतच्छाया, हिन्दी अनु०
सहित),(ग्रं०मा०सं०१०१); (I.S.B.N.81-86715-26-6); अनुवादकडॉ० अशोक कुमार सिंह; प्रथम संस्करण १९९८; पृष्ठ - २३०; आकार - डिमाई,
अजिल्द, मूल्य : रु० - १२५.००। ८४. पञ्चाध्यायी में प्रतिपादित जैन दर्शन-(ग्रं०मा०सं०१०८),(I.S.B.N.81
86715-30-4); लेखिका - डॉ० मनोरमा जैन; प्रथम संस्करण १९९८, पृष्ठ २३४; आकार - डिमाई, मूल्य : रु० - १२५.००।
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