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१३८ ९. हिन्दी जैन साहित्य का बृहद् इतिहास (खण्ड २) - (१७वीं शती) -
(ग्रं०मा०सं०६६), लेखक - डॉ० शितिकण्ठ मिश्र; प्रथम संस्करण; लगभग
५५० पृ० मूल्यः रु० - २७०.००, आकार : डिमाई, १९९२। १०. हिन्दी जैन साहित्य का बृहद् इतिहास (खण्ड ३)- (ग्रं०मा०सं० ९१)
लेखक- डॉ० शितिकण्ठ मिश्र; प्रथम संस्करण - १९९७; आकार - डिमाई;
पृष्ठ - १६+६००, मूल्य : रु० - ३००.००। ११. हिन्दी जैन साहित्य का बृहद् इतिहास (खण्ड ४) - (१९वीं शताब्दी)
(ग्रं०मा०सं०११५) (I.S.B.N. 81-86715-39-8); लेखक-डॉ० शितिकण्ठ
मिश्र; प्रथम संस्करण : १९९९; पृ० ९+३१४; मूल्य : रु० - २५०। १२. यशस्तिलक का सांस्कृतिक अध्ययन - (ग्रं.म.सं. १९), लेखक : डॉ०
गोकुलचन्द्र जैन; प्रथम संस्करण; पृष्ठ २२+३६+२५८; मूल्य रु० - १५०.००,
आकार : डिमाई; १९६७। १३. जैन धर्म में अहिंसा- (ग्रं०मा०सं० १७),लेखक : डॉ० बशिष्ठनारायण सिन्हा;
द्वितीय संस्करण; पृष्ठ : १६+३१; मूल्य : रु० ३००; आकार : डिमाई; २००२। १४. अपभ्रंश कथाकाव्य एवं हिन्दी प्रेमाख्यानक - (ग्रं.मा.सं.१८),लेखक :
डॉ० प्रेमचन्द्र जैन; प्रथम संस्करण; पृ० ११+३६६; मूल्य : रु० - १५०.००;
आकार डिमाई; १९७३। १५. तत्त्वार्थसूत्र (विवेचन सहित) - (ग्रं०मा०सं० २२), उमास्वातिविरचित;
विवेचक: पं० सुखलाल संघवी : डॉ० मोहनलाल मेहता व श्री जमनालालजैन; पंचम संस्करण; पृष्ठ:२६+१३७+२७८; मूल्यः रु० १००.००; आकार: डिमाई;
२००१। १६. जैन योग का आलोचनात्मक अध्ययन - (ग्रं०मा०सं० २३) लेखक : डॉ०
अर्हत् दास बण्डोवा दिगे; प्रथम संस्करण; पृष्ठ : २८+२५६+१६; मूल्य रु० -
१००.००; आकार : डिमाई; १९८१। १७. जैन प्रतिमा विज्ञान - (ग्रं०मा०सं० २५) (I.S.B.N. - 81-86715-19-3),
लेखक : डॉ० मारुतिनन्दन प्रसाद तिवारी; प्रथम संस्करण; पृष्ठः १४+३१६+३४;
मूल्य : रु० - ३००.००; आकार : डबल क्राउन; १९८१॥ १८. आनन्दघन का रहस्यवाद- (ग्रं०मा०सं० २८),लेखिका:साध्वी श्री सदर्शना
श्रीजी; प्रथम संस्करण; पृष्ठ ३४२+१६; मूल्यरु०-१००.००; आकार : डिमाई;
१९८३। १९. प्राकृत दीपिका - प्रो० सुदर्शन लाल जैन, द्वितीय संस्करण, पृष्ठ : २०+२७२;
मूल्यः रु०१००.०० (छात्र संस्करण);रु० २००.०० (पुस्तकालय संस्करण), आकार- क्राउन, २००५।
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