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________________ श्रमण, वर्ष ५९, अंक ३ जुलाई-सितम्बर २००८ साहित्य सत्कार पुस्तक समीक्षा पुस्तक- जैन ज्ञान प्रकाश, लेखक- श्री ज्ञान मुनि जी, सम्पादक- आचार्य श्री शिवमुनिजी, प्रकाशक- भगवान् महावीर मेडिटेशन एण्ड रिसर्च सेंटरट्रस्ट, कुप्पकला (पंजाब), संस्करण तृतीय- ई० सन् २००८, पृष्ठ- ६१५, मूल्य- रु० २००.००। प्रस्तुत पुस्तक जैन धर्म-दर्शन की एक अनुपम कृति है जो दो खण्डों में विभक्त है। प्रथम खण्ड में नौ अध्याय हैं जिनमें जैन धर्म-दर्शन के तत्त्वमीमांसीय पक्ष को प्रस्तुत किया गया है, जैसे- बन्धन-मोक्ष, जैन धर्म की शाश्वतता, आस्तिकनास्तिक समीक्षा, ईश्वरमीमांसा, जैन धर्म और वैदिक धर्म, जैन धर्म और बौद्ध धर्म, जैन दर्शन और चार्वाक दर्शन आदि। कृति के द्वितीय खण्ड में भी नौ अध्याय हैं जिनमें धार्मिक एवं सैद्धान्तिक चर्चा की गई है। इसमें सप्त कुव्यसन-परित्याग, आगार धर्म, अनगार धर्म, चौबीस तीर्थंकर, स्थानकवासी जैन परम्परा, जैन पर्व, भावपूजा, लोक का स्वरूप आदि विषयों को समाहित किया गया है। परिशिष्ट में सन्दर्भ ग्रन्थ सूची, शब्द चित्र तथा आत्म शिव साहित्य की सूचना दी गई है। पुस्तक की रचना प्रश्नोत्तर शैली में हुई है। प्रश्नों के माध्यम से गूढ तत्त्वों को सरलता से प्रस्तुत किया गया है। मानव उसी पर विश्वास करता है जो उसकी जिज्ञासा का समाधान करने के साथ-साथ उसे संतुष्टि प्रदान करता है। मानव द्वारा उपस्थापित उसकी जिज्ञासा को शांत करने के स्तुत्य प्रयास का फलश्रुति ही प्रस्तुत पुस्तक है। सम्पादक ने दो प्रकार की जिज्ञासाओं का उल्लेख किया है- भौतिक जिज्ञासा और आध्यात्मिक जिज्ञासा। प्रथम प्रकार की जिज्ञासा व्यक्ति को संसार में विकास करने का अवसर प्रदान करती है तो दूसरी प्रकार की जिज्ञासा से वह आत्मान्वेषण के पथ पर बढ़ता हुआ अपने भीतर परम समृद्धि के स्रोत को प्राप्त करता है। लेखक के मन में धर्म और दर्शन से सम्बन्धित अनेकों प्रश्न उमड़ रहे थे जो साधारण जिज्ञासुओं के सामने होते हैं। लेखक ने स्वयं उन सभी प्रश्नों का सटीक एवं सुन्दर समाधान बड़ी सरलता से प्रस्तुत किया है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525065
Book TitleSramana 2008 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey, Vijay Kumar
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2008
Total Pages242
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
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