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________________ गुजराती अर्थ अथवा अत्यंत दुःखवाळा आ विचार बड़े सर्यु? हवे धीरज धारण करीने कोईक उपाय ने विचार | हिन्दी अनुवाद अथवा असह्य विषादयुक्त विचारों से क्या फायदा? अब धैर्य को धारण करके कुछ उपाय सोचूं । गाहा जेण उवाय- पयट्टा पुरिसा पाविंति इच्छियं अत्यं । सुम्मइ लोयम्मि जओ लब्भइ सुविणं सुयंतेहिं ।। २१९ । । संस्कृत छाया येनोपायप्रवृत्ताः पुरुषाः प्राप्नुवन्तीष्टमर्थम् । श्रूयते लोके यतो लभ्यते स्वप्नं स्वपद्धिः ।।२१९।। गुजराती अर्थ कारणके लोकमां कहेवत छे के, जेम सूतेला माणस वडे स्वप्न प्राप्त कराय छे तेम उपायोमां प्रवृत्त पुरुषोवडे इच्छित मेळवाय छे। हिन्दी अनुवाद क्योंकि लोक में श्रुति है कि, जैसे सोया हुआ आदमी स्वप्न देखता है, ठीक उसी तरह उपायों में प्रवृत्त पुरुष ही इच्छित को पाता है । गाहा एसो य इह उवाओ भमामि सव्वेसु खयर - नयरेसु । मा कहय कोवि कत्यवि तीए पउत्तिंपि साहिज्जा ।। २२० ।। संस्कृत छाया एष चेहोपायो भ्राम्यामि सर्वेषु खचरनगरेषु । मां कथं च कोऽपि कुत्रापि तस्याः प्रवृतिमपि कथयेत् ।। २२० ।। गुजराती अर्थ अहीं आ उपाय छे हुँ सर्व खेचर नगरो मां भमु. तेथी तेणीनी भाळ कहेनार क्यांय पण कोई पण रीते मळी जाय । 307
SR No.525062
Book TitleSramana 2007 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey, Vijay Kumar
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2007
Total Pages230
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size7 MB
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