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________________ गुजराती अर्थ तेथी हे निष्कारणवत्सल ! तमारा प्रभाव थी आ जीवित रही छे. इत्यादि घणाप्रकारे अभिनन्दन आपी ने वळी ते कहे छे। हिन्दी अनुवाद अतः हे निष्कारणवत्सल ! आप के प्रभाव से ही यह जीवित हुई है इस प्रकार के अनेक मधुर आलाप द्वारा अभिनन्दन देकर पुनः कहती है। गाहा गच्छामि अम्ह गेहं उस्सूरं वट्टए जओ इहि । भणियं च चित्तगइणा एवं कुणहत्ति तत्तो य ।। १५७ ।। संस्कृत छाया गच्छामि मम गेहमुत्सूरं वर्तते यत इदानीम् । भणितञ्च चित्रगतिना एवं कुरुतेति ततश्च ।। १५७ ।। गुजराती अर्थ अमे अमारे घेर जईए-छीए, हमणा सन्ध्या थइ छे त्यारे चित्रगति ए कह सार ए प्रमाणे करो । हिन्दी अनुवाद हम हमारे घर जाते हैं, सूर्य भी अभी तेजवान् हो गया है। तब चित्रगति ने कहा- अच्छा, ऐसा ही करो । गाहा निय - नयराभिमुहाणं ताणं चलियाण तीए कन्नाए । चित्तगइ - कर - यलओ मुद्दा- रयणं लहुं गहियं ।। १५८ । । संस्कृत छाया निजनगराभिमुखासु तासु चलितासु तया कन्यया । चित्रगति करतलतो मुद्रारत्नं लघु गृहीतम् । । १५८ । । गुजराती अर्थ - पोताना नगर तरफ बधा चाले छते ते कन्या ए चपळताथी चित्रगति ना हाथमांथी मुद्रारत्न ने ग्रहण करी लीधुं ! 281
SR No.525062
Book TitleSramana 2007 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey, Vijay Kumar
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2007
Total Pages230
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size7 MB
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