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हिन्दी अनुवाद
ऊँची की हुई लँडवाला हाथी उसके वध के लिए चला है, ऐसा देखकर युवती के परिवारवालों ने बड़ा कोलाहल किया। गाहा
सुसिलिट्ठ-अंगुवंगं अह तं पडिपुन-चंद-सम- वयणं । कर-गिज्झ-मज्झ-भागं वियड-नियंब- त्यलिं जुवई ।।१४६।। दटुंपि समासन्नं नागं, गंतुं अचायमाणिं तु । मरण-भयाओ गाढं वेवंत-सरीरयं खुद्धं ।।१४७।। तायारमपिक्खंतिं सतरल-तारं दिसो नियच्छंतिं । दवणं चित्तगई गयण-त्थो चिंतए एवं ।।१४८।।
। तिसृभिः कुलकम् ।। संस्कृत छाया
चित्रगति नी सहाय सुश्लिष्टाङ्गोपाङ्गामथ तां प्रतिपूर्णचन्द्रसमवदनाम् । करग्राह्य-मध्यभागां विकटनितम्बस्थली युवतीम् ।।१४६ ।। दृष्ट्वापि समासन्नं नागं गन्तुमशक्नुवन्तीं तु । मरणभयाद् गाढं वेपमान-शरीरकां क्षुब्धाम् ।।१४७।। त्रातारमपश्यन्तीं सतरलतारां दिशः पश्यन्तीम् ।
दृष्ट्वा चित्रगतिर्गगनस्थः चिन्तयत्येवम् ।।१४८।। त्रिभिः कुलकम्।। गुजराती अर्थ
सुडोळ अंगोपांगवाळी, पूर्णिमा ना चन्द्र समान मुखवाळी, हस्त वड़े ग्रहण करवा योग्य कम्मरना मध्य ध्यागवाळी, विशाल कटिप्रदेशवाळी युवती नी पासे आवेला हाथी ने जोईने पण उवा माटे अशक्य, मरणना भय थी अत्यंत कम्पता शरीरवाली क्षोध पायेली, रक्षणहार ने नही जोती, चकमक नयनो थी दिशाओं ने जोती, युवती ने जोई ने गगन मां रहेल चित्रगति आ प्रमाणे विचारे छ। हिन्दी अनुवाद
सुंदर अंगोपांगवाली, पूर्णिमा के चन्द्र जैसे मुखवाली, हाथ द्वारा ही पकड़ने योग्य कमर के मध्य भाग वाली, विशाल कटिप्रदेशवाली युवती के पास आये हुए हाथी को देखकर जाने में असमर्थ मरण के भय से कम्पित देहवाली, भयभीत
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