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गुजराती अर्थ
एटली वार मां जिनेश्वर भगवंत नो स्नात्र महोत्सव प्रायः पूर्ण थयेछथे विविध प्रकारनां वाहन पर आरूढ थयेलो लोक नगर मां प्रवेशे छ। हिन्दी अनुवाद
इतनी देर में जिनेश्वर भगवंत का स्नात्र महोत्सव प्राय: पूर्ण होने से विविध प्रकार के वाहन पर आरूढ होकर लोग नगर में प्रवेश करते है। गाहा
अवि य। कोवि हु सिवियारूढो आरूढो रह-वरेसु चित्तेसु ।
हय-गय-अस्सतरेसुं डोलिय-जुगेसु विविहेसु ।।१३३।। संस्कृत छाया
अपि च कोऽपि खलु शिबिकारूढ आरूढो रथवरेषु चित्रेषु ।
हय-गजाश्वतरेषु डोलिय(एण) युगेषु विविधेषु ।।१३३।। गुजराती अर्थ
केटलाक पुरुषो पालखीमां चेठा, केटला हाथी, घोडा, खच्चरवाळा अने काळाहरणोना युगलवाळा विविध प्रकारना स्वा सुन्दर श्रेष्ठ रथोमा आछढ थया। हिन्दी अनुवाद
कितने लोग पालकी में बैठे, कितने लोग हाथी पर, घोड़े पर और खच्चर वाले एवं काले हिरनो के युगलवाले ऐसे विविध प्रकार के सुन्दर श्रेष्ठ रथों में बैठे। गाहा
एत्यंतरम्मि हत्थी कणगप्पह-संतिओ महा-काओ ।
मय- मत्तो उम्मिट्ठो नीहरिओ ताओ नयराओ ।।१३४।। संस्कृत छाया
मदोन्मत्त हाथी अत्रान्तरे हस्ती कनकप्रभसत्को महाकायः । मदमत्त उम्मिट्ठो (निरङकुशो) निःसृतस्तस्माद् नगरात् ।।१३४।।
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