SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 166
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ " गुजराती अर्थ अनें कहयुं, करजाप ना विधान प्रमाणे पूर्वसेवा ने सारी रीते करो. मे एकसाथ छ महिना सुधी लोकमां रहो त्यार पछी । हिन्दी अनुवाद और कहा- करजाप के विधान से पूर्वसेवा को अच्छी तरह से करो। इस प्रकार छ: महीने तक लोक में रहकर करना, उसके बाद गाहा उत्तर - सेवा उग्गा कायव्वा एगगेहिं अडवीए । बीएण पुणो उत्तर- साहग- रूवेण होयव्वं । । ९८ । । संस्कृत छाया उत्तरसेवोया कर्तव्या एकैकाभ्याम टव्याम् । द्वितीयेन पुनरुतरसाधकरूपेण भवितव्यम् । । ९८ । । गुजराती अर्थ - एक-एक बड़े अटवी मां उग्र एवी उत्तर सेवा करावी जोइए, अने बीजा वड़े वळी उत्तरसाधक थई ने रहेवु ! हिन्दी अनुवाद एक के द्वारा एक की जंगल में उग्र उत्तर सेवा करनी चाहिए और पुनः दूसरे को उत्तरसाधक होकर रहना चाहिए। गाहा अन्नं च भीसणासुवि विभीसियासुं मणं न दायव्वं । पुत्रे सत्तम मासे देस्सइ अह दंसणं विज्जा ।। ९९ ।। - संस्कृत छाया अन्यच्च भीषणास्वपि विभिषिकासु मनो न दातव्यम् । पूर्णे सप्तममासे दास्यत्यथ दर्शनं विद्या ।। ९९ ।। गुजराती अर्थ अने वळी भीषण तेमज . भयंकर उपसर्ग आवे तो पण मन. स्थिर राखवु आ प्रमाणे करवाथी सात मास पूर्ण थये विद्या दर्शन आपशे ! 258
SR No.525062
Book TitleSramana 2007 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey, Vijay Kumar
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2007
Total Pages230
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy