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हिन्दी अनुवाद
अतः पापकर्म का त्याग करके शीघ्र ही प्रव्रज्या प्राप्ति के लिए मैं उद्यम करूं क्योंकि, दुर्गति के हेतुभूत असार राज्य से मुझे क्या ?
गाहा
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अन्नं च मज्झ वंसे रज्जं दाऊण नियय- पुत्ताण । बहवे कय- सामन्ना रायाणी पाविया सुगई ।। ५७ ।। संस्कृत छाया
अन्यच्च मम वंशे राज्यं दत्वा निजकपुत्रेभ्यः ।
बहवः कृतश्रामण्या राजानः प्राप्ताः सुगतिम् । । ५७ । । गुजराती अर्थ
अने वळी मारा वंशमां पोताना पुत्रोने राज्य आपीने स्वीकारेला श्रामण्यवाळा घणा राजाओ सद्गतिने पाम्या छे,
हिन्दी अनुवाद
और फिर मेरे वंश में अपने पुत्रों को राज्य देकर साधु जीवन को स्वीकार करके अनेक राजाओं ने सद्गति की प्राप्ति की है !
गाहा
ܚܣܫܢ
तव्वंस- पसूएणं मएवि कायव्वयं ( कायव्वं ? ) इमं तम्हा | इय चिंतिऊण राया संसइ संनिहिय खयराणं ।। ५८ ।। संस्कृत छाया
तद्वंश - प्रसूतेन मयाऽपि कर्तव्यमिदं तस्माद् ।
इति चिन्तयित्वा राजा शंसति सन्निहित- खेचरेभ्यः ।। ५८ ।। गुजराती अर्थ
तेथी ते वंशमां उत्पन्न थयेला मारा वडे पण आमज करवा योग्य छे स प्रमाणे विचारीने पासे रहेला विद्याधरोने राजाए कहूं.
हिन्दी अनुवाद
अतः उसी वंश में उत्पन्न हुए मुझे भी यही करना चाहिए। इस प्रकार सोचकर करीब रहे हुए विद्याधरों से राजा ने कहा
सुघोष चारण श्रमण
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