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गुजराती अर्थ
समस्त अंतःपुरमा मुख्य, प्राणप्रिया ते देवी साथै ऋणवर्गमां सारभूत विषयसुख ने भोगवता, ते राजाने तेणीथी देवकुमार जेवो पुत्र उत्पन्न थयो: अने उचित समये मातापिता वडे ते बाळकनुं नाम 'प्रभंजन' रखायुं । हिन्दी अनुवाद
समस्त अन्त: पुर में प्रधान प्राणप्रिया देवी के साथ तीन वर्गों में श्रेष्ठ विषयसुख को भोगते हुए उस राजा को रानी से देवकुमार जैसा पुत्र उत्पन्न हुआ और उचित समय पर माता-पिता ने बालक का नाम प्रभंजन रखा।
गाहा
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धूया य बंधुसुंदरि नामा असमाण- रूव लावन्ना । दोनिवि ताइं कमसो पत्ताइं जोव्वणं पढमं ।। २६ ।।
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संस्कृत छाया
दुहिता च बन्धुसन्दरी- नानी असमानरूपलावण्या । द्वावपि तौ क्रमशः प्राप्तौ यौवनं प्रथमम् ।। २६ ।। गुजराती अर्थ
अनन्य रूपलावण्यथी युक्त 'बन्धुसुन्दरी' नामनी पुत्री थई · अने ते बने पुत्र-पुत्री क्रमे करीने यौवनने पाम्या |
हिन्दी अनुवाद
और अनन्य रूप लावण्य से युक्त बन्धुसुन्दरी नाम की पुत्री भी हुई, दोनो ( भाई - बहन ) क्रमश: बड़े होते हुए प्रथम यौवन को प्राप्त हुए।
गाहा
अह अन्नया कयाइवि अवरोप्पर - नेह-गरुय- भावाणं । एगंतम्मि ठियाणं उल्लावो तेसिं संजाओ ।। २७ ।।
संस्कृत छाया
अथान्यदा कदाचिदपि परस्पर स्नेहगुरुकभावयोः । एकान्ते स्थितयोरुल्लापस्तयोः सञ्जातः ।। २७ ।। गुजराती अर्थ
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हवे एक वखत क्यारेक परस्पर अतिस्नेह भावथी एकान्तमां बेठा हता त्यारे ते बोनो वार्तालाप थयो ।
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